अनिल मालवीय, इछावर (सीहोर) मध्य प्रदेश सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए भले ही बड़े-बड़े वादे और दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। इछावर विधानसभा क्षेत्र के गांव डाबरी हाई स्कूल और प्राथमिक विद्यालय में छोटे-छोटे बच्चे झाड़ू लगा रहे थे, तो कुछ बच्चे हाथ में बाल्टी लेकर पीने का पानी भरने जा रहे हैं थे।

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जब बच्चों से झाड़ू लगाने एवं पानी भरने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सर यह हमारा आज का ही काम नहीं है, यह हमें रोज ही करना पड़ता है। इतना ही नहीं हम जल्दी आकर स्कूल भी खोलते हैं। हमारे यहां ना झाड़ू लगाने वाला कोई है, ना पानी भरने वाला और ना ही स्कूल खोलने वाला। हमारे शिक्षक बोलते हैं कि बेटा आप लोग जल्दी आकर स्कूल खोलेंगे और बारी-बारी से रोज सब सफाई करेंगे। 

स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है  

जनपद क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में पानी , बिजली और स्वच्छ शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है। ऐसे में यहां पढ़ाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों को कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। आलम यह है कि पेयजल आपूर्ति से लेकर शौचालय की साफ-सफाई स्वयं बच्चों को ही करनी पड़ रही है। ऐसे हालात में छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन से लेकर कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। हाईस्कूल प्राचार्य चंद्रवंशी का कहना है कि हमारे विधालय में बाउंड्री वॉल, वह सफाई कर्मी नहीं होने के कारण सब लोग बारी-बारी से सफाई करते हैं। 

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