चंकी बाजपेयी, इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने नगर निगम के ऑफिस अधीक्षक को 7 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. आरोपी ने सफाईकर्मी से नियुक्ति के बदले 20 हजार रुपये की डिमांड की थी. रिश्वत की दूसरी किश्त लेते आरोपी को ट्रैप किया गया.
जानकारी के मुताबिक, लाला रामगर निवासी भरत अर्जुन सिंगोलिया 2008 से जुलाई 2024 तक जोन नंबर-11, 18, वार्ड क्रमांक- 63 में नगर निगम में मास्टर ड्रेनेजकर्मी के पद पर पदस्थ था. 2024 में अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन के आदेश पर कार्य मुक्त कर दिया गया था. उसके बाद 13 मई 2025 में नगर निगम उपयुक्त ने आदेश कर फिर जोन नंबर- 18 में ड्रेनेजकर्मी के रूप में नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए थे.
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इसके बाद वह जोन नंबर- 18 के ऑफिस अधीक्षक संजय वैद्य से मिला और नियुक्ति के बारे में जानकारी दी. ऑफिस अधीक्षक ने नियुक्ति के बदले 20000 की मांग की गई. लेकिन 15000 में बात बनी. इस दौरान उसने ऑफिस अधीक्षक को 5000 रुपये दिए. ऑफिस अधीक्षक ने कहा कि जब तक पूरे पैसे नहीं दोगे तब तक नियुक्ति नहीं मिलेगी. जिसके बाद उसने मामले की शिकायत लोकायुक्त से की.
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जांच के बाद लोकायुक्त ने जाल बिछाया. बुधवार को ऑफिस अधीक्षक को कॉल कर वर्ल्ड कप चौराहा पुल के नीचे बुलाया गया. जब फरियादी ने उसे पैसे दिए. तभी लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ लिया. फिलहाल, टीम ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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