चंकी बाजपेयी, इंदौर। ड्रग्स तस्करी (Drugs Smuggling) के मामले में इंदौर की तेजाजी नगर पुलिस (Police) ने आजाद नगर थाने पर पदस्थ सिपाही लखन गुप्ता (Posted constable Lakhan Gupta) को गिरफ्तार किया है। सिपाही पर आजाद नगर क्षेत्र को नशे का गढ़ बनाने का आरोप है। पूर्व में पकड़े गए आरोपी शाहरुख की निशानदेही पर पुलिस (Police) ने सिपाही को पकड़ा।

क्या है मामला

दरअसल, ड्रग्स तस्करी के मामले की जांच तीन आईपीएस अफसरों की निगरानी में की जा रही है। जानकारी के अनुसार, आइपीएस करणदीप सिंह की टीम ने 26 फरवरी 2025 को आरोपित शाहरुख को आजाद नगर और विजय पाटीदार को मंदसौर से दो करोड़ रुपए कीमती एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपियों से पूछताछ की गई। जिसमें शाहरुख ने आजाद नगर थाने में पदस्थ सिपाही लखन का नाम बताया। और कहा कि, वह मंदसौर के ड्रग माफिया से सस्ती ड्रग्स खरीद कर आजाद नगर में सप्लाई करता है। इसके साथ ही शाहरुख ने बताया कि, सिपाही का संरक्षण प्राप्त है और उसके बदले मोटी रकम दी जाती है।

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यह है पूरा माजरा

जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों पुलिस ने मादक पदार्थ (MD ड्रग) के खिलाफ एक बड़ा अभियान चला कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिनमें एक नाम आजाद नगर थाने पर तैनात पुलिसकर्मी लखन गुप्ता का सामने आया। आरोप है कि लखन गुप्ता का नाम तस्करी के मामले में शामिल था, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने उसे वारंट के आधार पर तेजाजी नगर थाने बुलाया और उसकी गिरफ्तारी की। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने लखन गुप्ता से जुड़े कई सबूत एकत्र किए, जिनके आधार पर कार्रवाई बढ़ाई जा रही है। लखन गुप्ता से कई पहलुओं पर पूछताछ की जा रही है। इससे पहले भी, विजयनगर थाने के दो पुलिसकर्मियों की मादक पदार्थ तस्कर से दोस्ती के संबंध में सोशल मीडिया पर पुरानी फोटो वायरल हुई थीं। हालांकि, अब एक बार फिर पुलिसकर्मी का नाम तस्करी से जुड़े मामले में सामने आया है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

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इस मामले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना की जा रही है। इसके साथ ही, मल्हारगंज थाने में भी दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। इन पुलिसकर्मियों, राम भदौरिया और अनिल चतुर्वेदी, पर मादक पदार्थ तस्करी से जुड़े आरोप थे और कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। वरिष्ठ अधिकारियों को इन घटनाओं की शिकायत मिली थी, जिसके बाद जांच की गई और इन दोनों पुलिसकर्मियों को जूनियर डिमोशन देते हुए आरक्षक बना दिया गया।

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