हेमंत शर्मा, इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अब यकृत (लीवर) रोगों की पहचान और रोकथाम को लेकर विशेष अभियान की शुरुआत की गई है. राज्य शासन के निर्देश पर ‘स्वस्थ यकृत मिशन’ के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर फैटी लीवर की स्क्रीनिंग कर रहे हैं. यह पहल 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों में लीवर से संबंधित बीमारियों के खतरे को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि वर्तमान समय में नॉन-एल्कोहलिक फैटी लीवर डिजीज (NAFLD) एक गंभीर जनस्वास्थ्य समस्या बन चुकी है. जो मोटापा, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़ी हुई है.

कैसे हो रही है जांच?

  • आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फैटी लीवर के बारे में जागरूक कर रही हैं.
  • आयुष्मान आरोग्य मंदिर और अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में सीएचओ द्वारा बीएमआई (BMI) की गणना की जा रही है.
  • जिनका बीएमआई 23 से अधिक पाया जाता है, उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय जांच के लिए भेजा जा रहा है.

कौन हैं जोखिम में?

  • जिनकी कमर की माप पुरुषों में 90 सेमी से अधिक और महिलाओं में 80 सेमी से अधिक है.
  • जो लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं.
  • जिनका फास्टिंग ब्लड शुगर 100–125 mg/dl के बीच है.
  • जिनका ब्लड प्रेशर 130/85 mm Hg या अधिक है.
  • जिनके HDL कोलेस्ट्रॉल पुरुषों में <40 mg/dl और महिलाओं में <50 mg/dl है.

कैसे रखें लीवर को स्वस्थ?

  • नियमित व्यायाम करें.
  • संतुलित आहार लें.
  • वजन को नियंत्रित रखें.
  • शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करें.

डॉ. सैत्या ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य केवल बीमारी की पहचान नहीं, बल्कि लोगों को सही जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है. इंदौर जिले में यह स्क्रीनिंग अभियान तेजी से चलाया जा रहा है और आम जनता को इसमें सहयोग करने की अपील की गई है.

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