चंकी बाजपेयी, इंदौर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की राष्ट्रीय बैठक 21 से 23 मार्च बेंगलुरु के चेनहल्ली में आयोजित की गई थी. इस संबंध में मालवा प्रांत के संघचालक प्रकाश शास्त्री ने मीडिया से अहम मुद्दों पर चर्चा की और बताया कि संघ स्थापना के 100 साल पूरे होने पर किस तरह के आयोजन किए जाएंगे. वहीं समीक्षा बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई है उस पर भी उन्होंने अपनी बात रखी. साथ ही बैठक में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और अल्पसंख्यकों को पर भी चिंतन किया गया.

संघचालक प्रकाश शास्त्री ने बताया कि देश में 51570 स्थान पर प्रतिदिन कुल 83 129 शाखाएं संचालित हो रही हैं. जो कि इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में 10000 बड़ी हैं. साथ ही 4430 मिलन समारोह में वृद्धि हुई है. ग्रामीण मंडलों में देश की 58981 में 30717 मंडलों में दैनिक शाखाएं लग रही हैं. www.rss.org वेबसाइट पर भी 2012 से अब तक 12 लाख 72 हजार 483 से अधिक लोगों ने संघ से जोड़ने को लेकर रुचि दिखाई है. जिसमें 46000 से अधिक महिलाएं हैं.

मालवा प्रांत की बात की जाए तो वहां पर 3046 स्थान पर 881 बाल और 150 महाविद्यालय विद्यार्थी शाखों सहित कुल 4636 शाखाएं लग रही हैं. जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 403 शाखाएं बड़ी है. किसी के साथ शाखों के विस्तार को लेकर 12179 ग्रामों में 9059 कार्यकर्ताओं ने 7 दिन का समय विस्तार कार्यक्रम को लेकर दिया है. जिसमें चौपाल बैठक और शाखों का साप्ताहिक मिलन प्रारंभ किया गया है. साथ ही देश भर में शिक्षा चिकित्सा स्वावलंबन और सामाजिक जागरण से संबंधित कुल 89, 706 सेवाएं चल रही है.

बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर प्रस्ताव

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथी एकजुट से खड़े होने को लेकर भी आह्वान किया गया है. जिसमें हिंदुओं के साथ ही अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा और उत्पीड़न को लेकर भी चर्चा की गई है. प्रस्ताव में धार्मिक असहिष्णुता और मानव अधिकारों के उल्लंघन इन कृतियों की कड़ी निंदा की गई है. जिसमें संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों और वैश्विक समुदायों में इन अमानवीय कृतियों पर गंभीरता से ध्यान देने के साथ ही इनके खिलाफ उचित कदम उठाने को लेकर आह्वान किया गया है.

संघ इस वर्ष बनाएगा शताब्दी वर्ष

संघचालक ने कहा कि विजयदशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने वाले हैं. जिसको लेकर इस बार संघ कार्य के विस्तार और दूरदर्शिता पर केंद्रित होगा. संघ इस शताब्दी वर्ष में समाज द्वारा दिए गए समर्थन का आभार प्रकट और राष्ट्रीय के लिए समाज को संगठित करने के लिए स्वयंम को समर्पित करना है. जिसमें तीन सप्ताह तक विभिन्न तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. जिसमें पद संचलन घर-घर संपर्क हिंदू सम्मेलन सामाजिक सद्भाव बैठक प्रमुख नागरिक संवाद से जुड़े हुए विभिन्न कार्यक्रम किए जाएंगे.

औरंगजेब से जुड़ी हुई मानसिकता अभी चल रही है

उन्होंने कहा कि औरंगजेब की मानसिकता अभी चल रही है. इस कारण से वह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. उसे मानसिकता का समापन होना चाहिए. जिसमें हमें रौंदा है, उसे याद कर हमें शक्ति नहीं मिलती. हमें उन्हें याद करना चाहिए जिससे हमें प्रेरणा और उत्साह मिलता है और यह चिंतन मनन का विषय है. यदि हम उसे याद करेंगे तो उसके द्वारा किए कार्य भी हमारे सामने आएंगे. इसलिए हमें उसके बारे में याद नहीं करना चाहिए. समाज को इस और चिंतन करना चाहिए और समाज जो करेगा वह समाज ही करेगा.

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