चंकी बाजपेयी, इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में दो पुलिसकर्मी को रिश्वत मांगना महंगा पड़ गया. जब मामला वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचा तो उन्होंने कार्रवाई करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों का डिमोशन कर दिया. एक साल के जांच के बाद यह कार्रवाई की गई.

दरअसल, मल्हारगंज थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक राघवेंद्र सिंह भदोरिया और हेड कांस्टेबल अनिल चतुर्वेदी ने एक आरोपी को किसी कानूनी मामले में राहत देने के बदले में रिश्वत के रूप में बड़ी रकम की मांग की थी. यह मामला तब सामने आया जब आरोपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मामले को पुलिस अधिकारियों तक पहुंचाया.

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जांच में पाया गया कि दोनों पुलिसकर्मियों ने मिलीभगत से आरोपी से धन की मांग की थी, ताकि उसे राहत दी जा सके. मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जांच शुरू की. जो करीब एक साल तक चली. जांच के बाद पुलिस विभाग ने इन दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है.

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राघवेंद्र सिंह भदोरिया को सेवानिवृत्ति तक आरक्षक के पद पर नियुक्त कर दिया गया है. जबकि अनिल चतुर्वेदी को डिमोशन कर दिया गया और उन्हें हेड कांस्टेबल के पद से हटा कर आरक्षक बना दिया गया है इसके साथ ही उनके एक वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है.

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