कुमार इंदर, जबलपुर। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की निर्देशित फ़िल्म Emergency के प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर लगी याचिका की आज मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्य बेंच में सुनवाई की गई। मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने फिल्म के निर्देशक कंगना रनौत समेत एक्ट्रेस की मणिकर्णिका प्रोडक्शन, केंद्र सरकार , राज्य सरकार , सेंसर बोर्ड समेत अन्य को नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान जो पक्षकार मौजूद नहीं थे, उन्हें भी इलेक्ट्रॉनिक मोड से हमदस नोटिस जारी करने के निर्देश है। कोर्ट ने कहा है कि फिल्म के निर्माता निर्देशक के साथ ही उसके तमाम सहयोगी कल सुबह तक अपना ऑनलाइन माध्यम से जवाब प्रस्तुत कर दे। इसके बाद फिर से इस मामले की सुनवाई होगी।

एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का विरोध हुआ तेज, फिल्म को बैन करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में लगी याचिका 

कोर्ट में क्या कहा गया 

कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकीलों ने जिरह करते हुए कहा कि, इस फिल्म के निर्माण में सिनो मैटिक एक्ट की धारा 5  का उल्लंघन हुआ है। जिसके तहत इस पर कार्रवाई की जाना चाहिए। इसके साथ ही याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि इस फिल्म में किस तरह से सिख समुदाय को विलन बनाने की कोशिश की गई है। वकील की ओर से कहा गया कि फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर दिखाया गया है, जिससे समुदाय के लिए समाज में ग़लत छवि बनेगी। जिसे सुनते हुए कोर्ट ने सभी को नोटिस जारी करते हुए कल मंगलवार को फिर से सुनवाई निर्धारित की है।


एक्टिंग CJ की बड़ी टिप्पणी 

सुनवाई के दौरान एक्टिंग CJ ने बड़ी टिप्पणी करते हुआ कहा कि सिख कम्युनिटी ने कोरोना काल के दौरान आगे आकर सेवा की है। एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा कि मैंने दिल्ली में देखा है की किस तरह सीख समुदाय ने गुरुद्वारों में ऑक्सीजन से लेकर खाना उपलब्ध कराया हैं।  अपनी जान की बाजी लगाते हुए लोगों की मदद की हैं।  एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा कि  कोरोना काल में सिख समुदाय सेवा करने में सबसे आगे था।

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