
कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में हॉस्टल में रहने वाली आदिवासी छात्रा अचानक बेहोश हो गई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि खून की कमी और कमजोरी आने की वजह से छात्रा बीमार पड़ी है। छात्रा का नाम प्रतिभा सैयाम है, और वो कक्षा 12वीं में पढ़ती हैं। आदिवासी छात्रा मूलतः मंडला जिले की रहने वाली है।
हॉस्टल में अच्छे खानपान को लेकर उठे सवाल
जानकारी के मुताबिक कन्या शिक्षा परिसर रामपुर छापर में छात्रा की अचानक से तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल जबलपुर में भर्ती कराया गया। उसे खून की कमी थी, जिसके बाद अस्पताल में उसे ब्लड चढ़ाया गया। हॉस्टल का घटिया खाना खाने की वजह से तबीयत बिगड़ने की कही जा रही है। यहां निवासरत आदिवासी छात्राओं को बेहतर खाना पीना नहीं दिया जाता है, लिहाजा छात्राओं की तबीयत खराब हो रही है।
दबाव में सच बोलने से बच रही छात्रा
हालांकि स्कूल के दबाव में छात्राएं कुछ भी बोलने से बच भी रही है। काफी दबाव में आदिवासी बच्चियां यहां पढ़ाई करने को मजबूर हैं। रामपुर छापर हॉस्टल में दूर दराज आदिवासी अंचल की बच्चियां रहती है। बीमार आदिवासी छात्रा प्रतिभा सैयाम ने बताया कि उसे खून की कमी थी, इसके लिए वह दो बार प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज करा चुकी है। छात्रा के मुताबिक वह पिछले चार साल से हॉस्टल में रह रही है, पहली बार उसकी तबीयत खराब हुई है। बच्ची से जब हॉस्टल के खाने-पीने की व्यवस्थाओं को लेकर मीडिया ने सवाल पूछा तो छात्रा ने छात्रावास के बारे में सबकुछ ठीक ही बताया। अब छात्रा ने यह सारी बातें सही बताई या फिर किसी के दबाव में आकर कहा यह गौर करने वाली बात है। जबकि हॉस्टल में खाने-पीने की शिकायतें अन्य छात्राएं कर चुकी है।
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