भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचने पहले और बाद में कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रहे हैं.पूर्व सीएम कमलनाथ के कोरोना वैक्सीन लगाने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है. वहीं कमलनाथ ने भी भाजपा सरकार पर पलटवार किया है.

बता दें कि कमलनाथ ने आज ही कोरोना वैक्सीन लगवाया है.

यहां लगवाई वैक्सीन

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचकर कोरोना वैक्सीन लगवाई हैं. उनके कोरोना टीका लगवाने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि पीएम मोदी के वैक्सीन लगाने के बाद सवाल उठाने वाले नेताओं में भी वैक्सीन लगाने की बाढ़ आ गई है. कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने टीके की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. कांग्रेस के एक नेता की सुबह ही इस विषय पर ट्वीट से होती है. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम ने थाली बजाने कहा तो लोगों ने बर्तन फोड़ लिए, दीए जलाने कहा तो दिवाली मना ली.

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सपा नेता अखिलेश यादव ने तो वैक्सीन को बीजेपी वैक्सीन बताई थी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें पहली वैक्सीन साढ़े तीन साल पहले लगी थी, अब अगली वैक्सीन 2022 में लगेगी.  इसी तरह पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी द्वारा कल जारी घोषणा पत्र को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति झूठ पर आधारित है. घोषणा पत्र में गरीबों को आवास देंने किसानों के खाते में पैसे डालने लिखा है. वे बताएं लॉकडाउन में प्रधानमंत्री द्वारा भेजा राशन कौन खा गया?  कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के सरकारी संपत्ति बेचने वाले ट्वीट पर उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत उन्होंने की थी. एमपी की बंद अशोका होटल को उन्होंने ही बेचा.

एमपी की कानून व्यवस्था को हो गया कोविड-कमलनाथ

कमलनाथ ने वैक्सीन लगाने के बाद कहा कि पहले इसलिए नहीं लगवाई क्योंकि फ्रंट लाइन वर्कर को लगनी थी. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और सीएम शिवराज सिंह कार्यक्रम कर रहे हैं. शराब की दुकानें खुली हुई हंै. ऐसा लगता है कि यहां की कानून व्यवस्था को ही कोविड हो गया है. ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सरकार गिरने के साल पूरे होने पर कहा कि 20 मार्च आया था, 20 मार्च आया है और 20 मार्च आएगा भी. उन्होंने कहा सरकार गिराने में सौदे की राजनीति का प्रवेश हुआ था. मैं मुख्यमंत्री था सौदा कर सकता था, लेकिन मैं नैतिक मूल्यों से नहीं डिगा. हमने सरकार जनादेश से बनाई थी, ना कि सौदे से. उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज पर टिकी हुई है. राजनीतिक और आर्थिक कर्जे बढ़ गए हैं.