शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की ट्रैप करने की कार्रवाई पिछले दो सालों में घटी है। प्रदेश में पिछले तीन सालों में हुई कार्रवाई का लोकायुक्त पुलिस ने आंकड़े जारी किए हैं। इसमें सबसे ज्यादा पद के दुरुपयोग के मामले दर्ज हुए हैं। साल 2022 में ट्रैप के 257 मामले सामने आए। इसमें छापा और अनुपातहीन संपत्ति मिली। 17 पद के दुरुपयोग के मामले में 10 अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। 294 के खिलाफ 2022 में एक्शन लिया गया। 

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साल 2023 में रंगे हाथों 180 अधिकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते लोकायुक्त ने ट्रैप किया। 17 के खिलाफ छापेमारी करते हुए आए से अधिक संपत्ति को जब्त किया गया। 64 अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज हुआ। साल 2023 में 262 के खिलाफ कार्रवाई हुई। 

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वहीं साल 2024 में 197 को लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप किया। छापे के दौरान 15 के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मिली। 26 अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया गया। 2024 में लोकायुक्त ने 238 के खिलाफ कार्रवाई की। लोकायुक्त पुलिस ने 2024 के आखिरी तीन महीनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का शतक पूरा कर लिया। 

साल 2024 में 25 सितंबर से 31 दिसंबर के बीच लोकायुक्त पुलिस ने प्रदेशभर में भ्रष्टाचार के 121 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें सबसे ज्यादा 96 ट्रैप केस हैं। 25 सितंबर से पहले नौ महीनों में प्रदेशभर में 117 केस दर्ज किए गए थे। इन्हें मिला दें तो वर्ष 2024 में 238 केस दर्ज हुए हैं, जो 2023 के मुकाबले 24 कम हैं। 2023 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में लोकायुक्त पुलिस ने कुल 262 केस दर्ज किए थे।

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