तनवीर खान, मैहर. यूं तो सरकारी कामों में लापरवाही बरतने के कई मामला सामने आते हैं. लेकिन मैहर जिले से लापरवाही का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां चौड़ीकरण के दौरान जिम्मेदारों ने हैंडपंप को बीचो-बीच जस का तस छोड़ दिया. जबकि निर्माण कार्य के पहले उसे दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए था या फिर उसे उखाड़ कर संबंधित विभाग के हैंडओवर किया जाना चाहिए था.

यह मामला रामनगर अंतर्गत जिगना भैसरहा मार्ग का है. दरअसल, शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी को रामनगर से गोविंदगढ़ के बीच चौड़ीकरण की जिम्मेदारी गई है. लेकिन मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के होनहार इंजीनियरों ने सड़क के बीचो-बीच हैंडपंप को जस का तस छोड़ दिया. यह कहना उचित होगा कि यह मामला विकास कार्यों में जमीनी हकीकत की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है.

हादसे को न्योता

हैंडपंप ने विकास की रफ्तार पर रोक नहीं लगाई. लेकिन स्पीड से चलने वाले न जाने कितने वाहन सवार लोगों को अस्पताल पहुंचा दिया होगा. ग्रामीणों का कहना है कि यह हैंडपंप आदिवासी बस्ती में स्थित है और यह पानी का एक ही स्रोत था. जो कि सड़क में आ जाने की वजह से अब किसी काम का नहीं बचा है. उसमें इतनी जगह भी नहीं है कि बाल्टी लगाकर उसे भरा जा सके.

2 किलोमीटर दूर पानी लेने जाने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों को अब पानी के लिए 2 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है. उनकी मांग की है कि हैंडपंप को सड़क से हटाया जाए और दूसरा बोर खनन कर हैंडपंप लगाया जाए. इधर, इस मामले में रीवा संभाग के कमिश्नर बीएस जामोद का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी. हैंडपंप हटाने की निर्देश दिए गए है.

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