शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर सरकारी मूंग खरीदी से इंकार से भारतीय किसान संघ ने सरकार के खिलाफ हल्लाबोल का ऐलान कर दिया है। किसान संघ ने बताया कि प्रदेश में सरकार मूंग की फसल को जहरीला बता रही है लेकिन, अब तक इसके प्रमाण नहीं दिए। इस कारण किसानों को समर्थन मूल्य से करीब-करीब 3000 रुपए क्विंटल के नीचे भाव पर कृषि उपज मंडियों में बेचना पड़ रहा है। इस साल सरकार ने मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8,768 रुपए तय किया है। 18 जिलों के किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। किसान संघ ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार मूंग खरीदी के लिए तैयार है। मध्यप्रदेश सरकार मामले में मनमानी कर रही है। लिहाजा आगामी तीन-चार दिन के अंदर सीएम हाउस का घेराव किया जाएगा। अरबों रुपए के व्यापार को प्रभावित होता देख अब सियासी पारा भी चढ़ने लगा है।

न्याय यात्रा में किसानों के साथ जमीन पर आंदोलन

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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. विक्रांत चौधरी ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा तुगलकी फरमान जारी किया है। ताकि निजी क्षेत्र के माध्यम से मूंग फसल को बाजारों में लाया जा सके। यदि सरकार वास्तव में मूंग की फसल को जहरीला मानती तो इसे बाजारों में किसी भी माध्यम से खरीद-फरोख्त पर रोक लगती। घोटालों घपलों की सरकार एक बार फिर अपनी जेब भरने के लिए मनमानी कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा में इस मामले को लेकर किसानों के साथ जमीन पर आंदोलन किया जाएगा।

किसान संगठनों से सरकार की बातचीत जारी

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बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कहा कि मोहन सरकार किसानों की सरकार है। जनहित के मद्देनजर सरकार ने यह निर्णय लिया है। मामले को लेकर किसान संगठनों से भी सरकार की बातचीत जारी है। जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा। सीएम हाउस के घेराव पर बीजेपी ने कहा कि यह किसान संगठनों का लोकतांत्रिक अधिकार है।

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