शिखिल ब्यौहार, भोपाल। पहलगाम आतंकी अटैक को लेकर मध्‍यप्रदेश पुलिस अलर्ट पर है। इंटेलिजेंस इनपुट के बाद खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई। हर एक संदिग्‍ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही। सार्वजनिक स्‍थानों से लेकर हर जगह पर चेकिंग चल रही। भले ही कोई बड़ी आतंकी घटना प्रदेश में नहीं हुई, लेकिन पिछले कुछ सालों में कई आतंकी संगठनों का खुलासा हुआ और इसी वजह से एनआईए का दफ्तर भोपाल में खाेला गया।

स्टेशनों पर कड़ी निगरानी

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद प्रदेश अलर्ट पर है। पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई। सार्वजनिक स्‍थानों से लेकर रेलवे स्‍टेशन और ट्रेनों में सुरक्षा व्‍यवस्‍था को बढ़ा दिया गया। इंटेलिजेंस इनपुट के बाद खुफिया एजेंसियों की सक्रियता पहले से ज्‍यादा बढ़ा दी गई। खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया। प्रदेश के रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने कहा कि आतंकी घटना के बाद पुलिस अलर्ट पर है। उन्‍होंने कहा कि स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही।

हर जगह सामान और व्यक्तियों की जांच

स्टेशनों के अंदर और आसपास अतिरिक्त बल तैनात किया। यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिए डॉग स्क्वॉड जांच कर रहे। रेल परिचालन को सुचारू बनाए रखने के लिए पटरियों की निगरानी भी की जा रही। उन्‍होंने यह भी कहा कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा। हर जगह सामान और व्यक्तियों की जांच की जा रही..

एमपी में आतंक का ट्रैक रिकॉर्ड

यदि पिछले तीन सालों की बात करें, तो एमपी की सुरक्षा एजेंसियों ने जेएमबी, एचयूटी, आईएम, और पीएफआई के आतंकियों को गिरफ्तार किया। इन संगठनों के तार पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश से जुड़े। इनका मकसद युवाओं को बरगलाने के साथ देश में शरिया कानून लागू करना था। इससे पहले जांच एजेंसियां सूफा, सिमी, आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों का पर्दाफाश कर चुकी।

2015 में एनआईए की टीम ने रतलाम में दबिश देकर ‘सूफा’ के असजद समेत 6 लोगों को हिरासत में लिया था। प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के भी कई सदस्‍यों को पकड़ा गया था। इन आतंकियों की पिछले कुछ सालों से मिली सक्रियता की वजह से स्‍टेट और केंद्र की जांच एजेंसियां प्रदेश में फिर से सक्रिय हो गई।

इंटेलिजेंस इनपुट पर ज्यादा ध्यान

भले ही प्रदेश में कोई बड़ी आतंकी घटना और साजिश नहीं हुई हो, लेकिन आतंकी यहां खुद को सबसे सुरक्षित मानते हैं। कई बार इस बात का भी खुलासा हो चुका है कि आतंकी संगठनों की स्‍लीपर सेल के लिए प्रदेश सबसे सुरक्षित ठिकाना है। यहां पर बैठकर आतंक की साजिश और युवाओं को बरगलाने का काम किया जाता। प्रदेश में इंटेलिजेंस इनपुट को लेकर पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इंटेलिजेंस इनपुट पर ध्यान देना चाहिए। प्रदेश भी आतंकी गतिविधियों से जुड़ा है। यहां पर भी इंटेलिजेंस इनपुट पर ध्‍यान दिया जाना चाहिए।

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