आकाश श्रीवास्तव, नीमच। मध्य प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे नीमच जिले के जावद विधानसभा का एक गांव ऐसा भी है, जहां जीवन की अंतिम राह भी आसान नहीं है। बारिश के समय में लोगों को कीचड़ भरे रास्तों और नदी के बीच जान जोखिम में डालकर शव यात्रा को लेकर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत समय-समय पर जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से भी की लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

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दरअसल नीमच जिले के जावद विधानसभा के ग्राम पंचायत बधावा के ग्राम बीरमपुरा में शमशान घाट जाने का मार्ग बदहाल है। रविवार को रणजीत पिता खुमा बंजारा उम्र 55 वर्ष की मृत्यु हो जाने पर, अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट पर होना था। शव यात्रा को जब परिजन और ग्रामीण जन लेकर निकले तो रास्ते में कीचड़ और नदी में कमर-कमर तक पानी भरा हुआ था। ग्रामीणों को मजबूरन शव लेकर पानी में से होकर गुजरना पड़ा।

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