आकाश श्रीवास्तव, नीमच। मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां जावद सिविल हॉस्पिटल में प्रसूति वार्ड में पर्याप्त बेड नहीं होने के चलते प्रसूताओं को हॉल में नवजात बच्चों के साथ जमीन पर लिटा दिया गया ।सिविल अस्पताल में भारी अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिला। 

प्रसूताओं को जमीन पर लेटने होना पड़ा मजबूर 

जावद सिविल अस्पताल में जहां एक ओर बेड की कमी होने के चलते प्रसूताओं को नवजात बच्चों के साथ जमीन पर लेटा दिया गया। तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं के टीकाकरण वार्ड के बाहर भी पानी का भराव है। जिस रास्ते से गर्भवती महिलाएं व प्रसूति अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर टीका लगवाने पहुंचती हैं, वहां पानी भरा हुआ है। जिसके चलते दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। वहीँ यहां के पोस्टमार्टम कक्ष तक जाने के लिए भी कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कंधे-कंधे तक यहां झाड़ियां फैली हुई है। अस्पताल में हालत ऐसी है कि पोस्टमार्टम कराने आने वाले लोगों को भी कड़ी मशक्कत के बाद पोस्टमार्टम कक्ष तक पहुंचना पड़ता है। जबकि यहां पर करोड़ों की लागत से डोम का निर्माण किया गया है। लेकिन अस्पताल की मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं किया जा सका, जो की काफी शर्मनाक है। 

SDM ने कही यह बात 

वहीं मामले में जावद एसडीएम राजेश शाह का कहना है कि शासकीय अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए 6 बेड की केपेसिटी है, और परिवार नियोजन के तहत महिलाओं की  नसबंदी हुई है। इस कारण बेड कम पड़ गए। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रूम के आसपास सफाई करवाएंगे। जहां पानी भरा हुआ है, वहां पर भराव भरवाएंगे। बेड के लिए ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को सूचना दे दी गई है। 

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गौरतलब है कि जावद पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा का गृह नगर है। इतना ही नहीं उनके पुत्र ओमप्रकाश सकलेचा जो की पूर्व सरकार में मंत्री थे और वर्तमान में लगातार पांच बार के विधायक हैं, बावजूद उनके गृह नगर में यह हालत है।

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