अनिल सक्सेना, रायसेन। कोरोना संक्रमण काल में पूरे प्रदेश के अस्पतालों में जगह नहीं है. कहीं बिस्तर खाली नहीं है तो कही ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी. संक्रमित मरीजों में उपचार के लिए हाहाकार मचा हुआ है. लोग बिस्तर और ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में अस्पताल के बाहर दम तोड़ रहे हैं. वहीं प्रदेश का एक जिला ऐसा है जहा 30 बिस्तरों का अस्पताल खाली पड़ा हुआ है.

वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद इस अस्पताल को बनाया गया
जानकारी के अनुसार रायसेन जिले में 30 बिस्तरों का एक ऐसा भी अस्पताल है जहां सभी बेड खाली पड़े है. यह जानकर आपको आश्चर्य जरूर होगा. यह अस्पताल रायसेन जिले के गौहरगंज में मौजूद है. वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद इस अस्पताल को बनाया गया था. लगभग 12 वर्षों से इस अस्पताल में आपतकाल के लिये सुविधा नहीं है. अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है. कोरोना के चलते यहां न कोई कोविड टेस्ट होता है ना ही मरीजों को रखा जाता है. यहां से सीधे ओबेदुल्लागंज अस्पताल रेफर किया जाता है. हालांकि गौहरगंज तहसील मुख्यालय है जहां एसडीएम कार्यालय, तहसीलदार कार्यालय, एडीजे कोर्ट, जेल सहित थाना भी है. बस यहां कोई स्वाथ्य सुविधाएं नहीं है.

30 बेड का अस्पताल है पर आक्सीजन के कोई बेड उपलब्ध नहीं है

डॉ.शुभी मिश्रा प्रभारी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन व्यवस्था नहीं है. स्टाफ भी काफी कम है. इसलिए पास के ओबेदुल्लागंज अस्पताल में मरीजों को भेज देते है. 30 बेड का अस्पताल है पर आक्सीजन के कोई बेड उपलब्ध नहीं है. कोरोना के रेपिड टेस्ट भी किट की उपलब्धता के अनुसार किया जाता है. स्टाफ की भी कमी है इस लिए 7 बाई 24 घंटे की सुविधाएं नहीं दे पा रहे है.

10 बेड का सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम लगया जाना है. इसके लिए टेंडर जारी

इस मामले में ब्लाक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अरविंद चौहान का कहना है कि अधिकारी आ रहे है. बैठक कर अस्पताल की व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे. अस्पताल में 10 बेड का सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम लगया जाना है. इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है.