धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी। रामराजा सरकार के दर्शन करने के लिये भिंड से अपने दोस्तों के साथ ओरछा आये 50 साल के जनक बघेल ने रामराजा सरकार के दर पर अपने प्राण त्याग दिये। बताया जा रहा है कि दर्शन के लिये मंदिर के बाहर खड़े जनक बघेल को हार्ट अटैक आया। इसके बाद मौके पर मौजूद  पुलिसकर्मियों ने उन्हें खुले में बैठाया। पुलिस सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव ने बिना देर किए जनक को सीपीआर देना शुरू किया। 

दोस्तों के साथ पहुंचे थे मंदिर

श्रद्धालु की हालत बिगड़ने पर तुरंत बिना देरी के ओरछा थाना प्रभारी रामबाबू शर्मा ने थाने की गाड़ी से यथार्थ हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां कुछ देर चले इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। यदि मंदिर में ही डॉक्टरों की तैनाती की गई होती तो आज शायद जनक बघेल जिंदा होते। बताया जा रहा है कि जनक अपने साथी संतोष शर्मा और संजीव दास गुप्ता के साथ रोन भिंड से पुष्य मेले में रामराजा के दर्शन करने आया था। 

मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही बिगड़ी तबीयत

करीब 12 बजे जब वो मंदिर के अंदर प्रवेश कर रहा था। इसी दौरान उसे घबराहट हुई तब पुलिसकर्मियों ने उसे तत्काल सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की हालत बिगड़ने पर यथार्थ हॉस्पिटल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

इलाज के दौरान मौत

इस पूरे  मामले में ओरछा थाना प्रभारी रामबाबू शर्मा ने बताया यथार्थ हॉस्पिटल में इलाज के दौरान भिंड के जनक बघेल की मौत हो गई। रामलीला मंदिर के मुख्य गेट के बाहर दर्शन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया था। उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन नहीं बचा पाये। घटना के समय जिले के एसपी रायसिंह नरवरिया मंदिर के बाहर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे।

नक्षत्र में रामराजा सरकार आये थे ओरछा

बता दे कि पुष्य नक्षत्र में ही रानी कुंवरी गणेश भगवान रामराजा सरकार को अयोध्या से ओरछा लेकर आई थी और इसी नक्षत्र में रानी चला करती थी। जब यह नक्षत्र खत्म हो जाता था तो रानी अपनी यात्रा रोक देती थी। इसी तरह संवत 1631 में चैत्र शुक्ल नवमी पुष्य नक्षत्र में रानी भगवान को अयोध्या से ओरछा लेकर आए थे तब से उसे नक्षत्र में ओरछा में श्रद्धालुओं का मेला लगता है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते है और रामराजा सरकार के दर्शन के लिये आते हैं।

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