भोपाल. मध्यप्रदेश का पन्ना देश और दुनिया में हीरे के लिए मशहूर है और यहां पर हीरा पाकर हर व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. पन्ना की उथली खदानों से जमा हुए हीरो की पन्ना संयुक्त कलेक्टर भवन में तीन दिवसीय नीलामी रखी गई थी.
नीलामी आकर्षण का केंद्र रहा है 14.9 कैरेट का बड़ा बेस क़ीमती हीरा जो कि नीलामी में नहीं बिका जिससे डायमंड जमा करने वाले मजदूरों में मायूसी छाई हुई है.
कितने का था हीरा
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अधिकारी का कहना है कि संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के कक्ष में 15 मार्च से हीरा नीलामी प्रारंभ की गयी. इस नीलामी में 255 नग हीरे रखे गए थे. जिनका वजन 253.06 कैरेट था. 15 मार्च से 17 मार्च तक चली नीलामी में कुल 142 नग हीरे वजन 148.85 कैरेट का विक्रय 1 करोड़ 54 हजार 202 रूपये में हुआ. इस राशि में शासन को 11 लाख 56 हजार 233 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ.
हालांकि पूरी नीलामी में आकर्षण का केंद्र रहा 14.9 कैरेट का डायमंड नहीं देख पाया है हम उसे अगली हीरा नीलामी में रखकर और अच्छी रेट पर निकालने की कोशिश करेंगे.
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Posted by Lallu Ram on Wednesday, 17 March 2021
उथली खदान पाने की प्रोसेस क्या है?
मध्य प्रदेश सरकार का एक विभाग है खनिज संसाधन विभाग (Mineral Resources Department). ये राज्य में खनिज से जुड़े काम-काज देखता है. इसके तहत आता है पन्ना का हीरा कार्यालय. इसी कार्यालय से शुरुआत होती है उथली खदानों को पट्टे पर देने की.
लोग ये जानते हैं कि पन्ना के किन हिस्सों में उन्हें हीरा मिल सकता है. वो एक ज़मीन के एक छोटे हिस्से को चुनते हैं, करीब 8 फीट गुणा 8 फीट के हिस्से को. और फिर हीरा कार्यालय में आवेदन देते हैं. महज़ 200 रुपए के चालान के साथ. आवेदन देने का मतलब ही यही है कि वो सरकार से उस ज़मीन पर हीरे की खुदाई करने की परमिशन लेना चाहते हैं. कार्यालय को अगर आवेदन ठीक-ठाक लगता है, तो एक साल के लिए वो ज़मीन पट्टे पर दे दी जाती है.