तनवीर खान, मैहर। जिले के सिंगरहा समाज के किसानों ने सिंघाड़े की फसल को बाढ़ और बीमारी से हुए नुकसान के बाद मुआवजे की मांग को लेकर आज अनोखा प्रदर्शन किया। दर्जनों किसान, बुजुर्गों से लेकर छोटे बच्चों तक, तपती धूप में जमीन पर दंडवत लेटते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।

उद्यानिकी विभाग की जांच में नुकसान की पुष्टि

किसानों का कहना है कि साल 2024 में आई बाढ़ और सिंघाड़े की फसल पर फैली बीमारी के चलते उनकी 80 से 90 प्रतिशत फसल पूरी तरह नष्ट हो गई थी। इस संबंध में 27 जुलाई को अनुविभागीय अधिकारी रामनगर, 5 अगस्त को कलेक्टर कार्यालय मैहर और 31 दिसंबर को जनसुनवाई में प्रशासन को सूचित किया था। उद्यानिकी विभाग सतना के उपसंचालक द्वारा की गई जांच में भी नुकसान की पुष्टि की गई, लेकिन आज तक प्रभावित किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला है।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयानः बोले- हिंदू धर्म के खिलाफ फैसले करने में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को

पिछले कई महीनों से आर्थिक तंगी झेल रहे

किसानों ने कृषि मंत्री, राजस्व मंत्री और कलेक्टर के नाम आवेदन सौंपकर मुआवजा देने की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वे पिछले कई महीनों से आर्थिक तंगी झेल रहे हैं और यदि जल्द राहत नहीं मिली तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। किसानों की इस शांतिपूर्ण लेकिन प्रतीकात्मक विरोध ने प्रशासन का ध्यान एक बार फिर किसानों की पीड़ा की ओर खींचा है। जानकारी शिवप्रताप सिंगरहा, अध्यक्ष- सिंगरहा समाज किसान यूनियन ने दी।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H