
अनमोल मिश्रा, सतना. कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करना नन्ही दुनिया स्कूल संचालक को महंगा पड़ गया. निरीक्षण के दौरान पाई गई विसंगतियों के संबंध में जारी नोटिस का सही जवाब नहीं देने पर कलेक्टर ने स्कूल पर दो लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया. सात दिन के अंदर यह राशि जमा करने का आदेश दिया गया है.
इधर, विद्यालय प्रबंधन पर आरोप है कि अभिभावकों पर शुल्क वृद्धि, एनसीआरटी से अतिरिक्त निजी प्रकाशकों की किताबों की बिक्री और एक ही स्थान से ड्रेस, अन्य स्टेशनरी खरीदने का दबाव बनाया गया. जिसके बाद कुछ अभिभावकों ने कलेक्टर से शिकायत की थी. जिला शिक्षा अधिकारी टीपी सिंह ने स्कूल का निरीक्षण किया और तीन बिंदुओं में आरोपों की जांच की गई.
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स्कूल संचालक को नोटिस
जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने के बाद स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया गया. स्कूल प्रबंधन ने सत्र 2024-25 और नवीन सत्र 2025-26 का पत्रक प्रस्तुत किया. जांच में पाया गया कि बिना सक्षम समिति के अनुमोदन के ही कक्षा नर्सरी से कक्षा 4 तक में 20 प्रतिशत शुल्क वृद्धि की गई. कक्षा 5 में लगभग 15 प्रतिशत और 7-8 में 20 प्रतिशत तक वृद्धि की गई.
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स्टॉफ ने बताई ये बातें
जबकि समिति से अनुमोदन के बाद ही किसी प्रकार की वृद्धि की जा सकती थी. डीईओ के निरीक्षण के दौरान स्टॉफ ने यह बताया कि स्कूल ड्रेस और पुस्तकें माही साइबर और स्टेशनरी से लेने के लिए अभिभावकों को कहा जाता है. बुक सेलर का कार्य भी संस्था में काफी मात्रा में पाया गया. जिसकी एक प्रति निरीक्षण में जब्त भी की गई.
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कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के आदेश
इससे यह स्पष्ट है कि संस्था बच्चों और उनके अभिभावकों को निश्चित प्रतिष्ठान से स्कूल ड्रेस, पुस्तकें, स्टेशनरी से लेने के लिए दबाव बनाता है. यह कृत्य अधिनियम और कलेक्टर के निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है. निजी स्कूलों पर नकेल कसने के लिए कलेक्टर ने आदेश जारी किया है.
इसके बाद भी तमाम स्कूलों के संचालक योजनाबद्ध तरीके से बच्चों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं. स्कूल संचालकों के खिलाफ कुछ मामलों में एक्शन लिए जा रहे हैं. लेकिन यहां हर स्कूल की सघन जांच होने के बाद ही पुस्तक-ड्रेस माफियाओं पर नकेल कसा जा सकता है.

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