अजयारविंद नामदेव, शहडोल। बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा महाकुंभ 2025 के संदर्भ में दिए गए एक कथित भड़काऊ और असंवैधानिक बयान पर दायर आपराधिक परिवाद की सुनवाई अब 2 जून 2025 को होगी। शहडोल के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत में आज यानी 20 मई को इस मामले की सुनवाई निर्धारित थी। लेकिन जज के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। इसकी अगली तारीख 2 जून दी गई है।

क्या है मामला?

महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथित तौर पर कहा था- “महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।” इस बयान को लेकर शहडोल निवासी अधिवक्ता संदीप तिवारी ने गंभीर आपत्ति जताई थी। उनका कहना है कि यह बयान न केवल असंवैधानिक है बल्कि सामाजिक वैमनस्य और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला भी है।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री को आज कोर्ट में होना था पेश

अधिवक्ता संदीप तिवारी ने इस मामले को लेकर सबसे पहले 4 फरवरी 2025 को थाना सोहागपुर, जिला शहडोल में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने पर मामला शहडोल SP को संदर्भित किया गया। जब वहां से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वकील ने 3 मार्च 2025 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, शहडोल की अदालत में आपराधिक परिवाद पेश किया। न्यायालय ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद परिवाद को स्वीकार करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री को 20 मई 2025 को अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए विधिवत नोटिस जारी किया था।

अब 2 जून को होगी अगली सुनवाई

आज 20 मई को जब इस प्रकरण की सुनवाई निर्धारित थी। उस समय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शहडोल के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अधिवक्ता संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि अब अदालत ने इस प्रकरण की अगली सुनवाई की तारीख 2 जून 2025 तय की है।

अब देखना होगा कि 2 जून को न्यायालय में क्या रुख सामने आता है और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर से क्या स्पष्टीकरण या जवाब पेश किया जाता है। मामला जनभावनाओं और अभिव्यक्ति की मर्यादा से जुड़ा होने के कारण इस पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

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