शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल रवींद्र भवन में “शिक्षा भूषण” अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह में 3 महानुभावों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेसर कुसुमलता केडिया, डॉ रामचंद्रन आर और प्रोफेसर के के अग्रवाल को शिक्षा भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। तीनों शिक्षकों को शॉल, श्रीफल, एक लाख रुपए का चेक, सिल्वर प्लेट और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

गुरुकुल की परंपरा को बनाए रखे

सम्मान समारोह में राज्यसभा सांसद उमेश नाथ महाराज ने कहा कि- हमारे देश में करोड़ों ऋषि मुनियों ने जन्म लिया और रिसर्च कर 4 वेद और 18 पुराण लिखे. उनकी ही रिसर्च को आज पीएचडी (phd) की उपाधि दी गई है. बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग गुरुकुल की परंपरा को छोड़कर आज बच्चों को कान्वेंट स्कूल में पढ़ा रहे है. कान्वेंट की व्यवस्था में नकारात्मक स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है. आज हम सब लोग यह संकल्प लें कि और गुरुकुल की परंपरा को बनाए रखे. ऋषि मुनियों की संपदा की सोच बनी रहे. हम आध्यात्मिकता में जीने की कोशिश करें. शिक्षा से पहले दीक्षा जरूरी है, जब तक दीक्षा नहीं होगी तब तक कैसे शिक्षा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य व पूर्व सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने कहा- शिक्षा का विकास हो रहा तो भ्रष्टाचार भी हो रहा, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ भी बढ़ रही है. अमेरिका में स्कूल में बच्चे ही बच्चे को गोलों मार रहे है. कुछ न कुछ मौलिक गड़बड़ है उसको ठीक करना है, मंथन भी चल रहा है. इसीलिए नई शिक्षा नीति भी केंद्र सरकार लाई है. स्मार्ट क्लासेस चल रही है, बहुत बात हो रही है इससे आदमी बनाना चाहती है. लेकिन ऐसा संभव नहीं है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि-शिक्षकों गुरुओं का सम्मान कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। इस तरह के आयोजन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं।

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