
अजयारविंद नामदेव, शहडोल। देश के दक्षिण राज्य तमिलनाडु में जिस तरह से राष्ट्र भाषा हिंदी को लेकर विरोध हो रहा है उसी तरह का विरोध शहडोल रेलवे अस्पताल में भी देखने को मिला है। तमिलनाडु से उठी हिंदी विरोध की आग एमपी पहुंच गई है। इसी कड़ी में रेलवे अस्पताल की अव्यवस्था, डॉक्टरों की कमी और उचित इलाज नहीं होने से नाराज रेलवे कर्मचारी संघ हड़ताल पर है। कर्मचारी संघ ने एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि- मरीजों के हिंदी बोलने पर इलाज नहीं किया जाता है। डॉक्टर द्वारा रेल हादसे में गंभीर रूप से जख्मी और कटे हुए मरीजों को हिंदी बोलने पर उलटे पांव लौटा दिया जाता है। कहा जाता है कि इंग्लिश में बोलकर इलाज कराओ, तभी इलाज हो पाएगा अन्यथा नहीं।
बता दें कि शहडोल रेलवे अस्पताल में अव्यवस्था और डॉक्टर की कमी को लेकर रेलवे कर्मचारी संघ हड़ताल पर है। अस्पताल में दो हजार से अधिक रेलवे कर्मचारियों के लिए मात्र दो डॉक्टर हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। वहीं डॉक्टर टी राजेश हिंदी भाषी मरीजों का इलाज करने से इनकार करते हैं। रेलवे कर्मचारियों ने हिंदी भाषा विरोधी डॉक्टर को हटाने की मांग कर रहे हैं। मामला शहडोल के दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे कालोनी में स्थित रेलवे अस्पताल का है। रेलवे कर्मचारी संघ की हड़ताल जारी है, और मामले की जांच की जा रही है।

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