रणधीर परमार, छतरपुर। कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने के नाम पर पुलिस की बर्बरता जारी है। छतरपुर में दवा खाने के लिए दूध लेकर आ रहे एक युवक की पुलिस ने जमकर पिटाई कर दी। बिट्टू चौरसिया नाम के जिस युवक की पुलिस ने पिटाई की उसकी बाईपास सर्जरी हो चुकी है।
पीड़ित युवक चिल्ला-चिल्ला कर बताते रहा कि मेरी बाईपास सर्जरी हुई है, दवाई खाने के लिए दूध ला रहा था। लेकिन पुलिस को जरा भी दया नहीं आई। पुलिस के बहादुर जवान उसकी पिटाई करते रहे।
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युवक अपनी टीशर्ट नीचे कर छाती में ऑपरेशन के टांके के निशान तक दिखाए, अपनी दवाईयां भी दिखाई लेकिन पुलिस का डंडा उस पर बरसता रहा। पुलिस ने दूध और उसकी दवा की थैली सड़क पर फेंक दी, जिससे दूध का पैकेट फट गया। मध्यप्रदेश पुलिस की इस बहादुरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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इस क्रूरता पर पुलिस का तर्क भी देखिये, जनता की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी करने का हवाला देकर पुलिस के बहादुर अफसर कहते हैं कि बार-बार कहा जाता है घरों से अनावश्यक ना निकले, फिर भी लोग निकलते हैं इसलिए उनको पीटना पड़ता है।
दवा खाने के लिए दूध लेना साहब बहादुर को अनावश्य काम लगता है, ऐसे में सवाल उठना भी लाजमी है। क्या शिवराज की पुलिस कोरोना से इस तरह से निपटेगी।
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