शशांक द्विवेदी, खजुराहो। 9 फिट ऊंचे और उतने ही जमीन के नीचे विश्व का अनोखा अद्भुत चंदेलकालीन मतंगेश्वर महादेव शिवलिंग की छठा शरद पूर्णिमा के दिन देखनी बनती है. हजारों की संख्या में भक्त शिवलिंग की इस अनोखी छठा के दर्शन करने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं. आज के दिन शिवलिंग का विशेष रूप से श्रृंगार किया जाता है. शिवलिंग में मुकुट और शिव के मुखड़े की विशेष आकृति विशेष आकर्षण का केंद्र होता है.
शिवलिंग के लिए विशेष तौर पर बनारस से बनकर आता है शिव का मुकुट
आज के दिन विशेष रूप से “मावे के विशेष लड्डुओं” का प्रसाद भक्तों को बांटा जाता है. ऐसी भी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग के आकार में एक तिल के सामान वृद्धि होती है.
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