इन्द्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। जिले के वन में विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर हरगोविंद मिश्रा को उनके रिटायरमेंट के दिन ही बर्खास्त कर दिया गया। यह कार्रवाई 5 साल पुराने मामले में विभागीय जांच के बाद की गई, जिसमें उन पर करीब 18 लाख रुपये के गबन का आरोप था। आरोप था कि उन्होंने इकोसिस्टम इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत भ्रमण कार्यक्रम में फर्जी बिल लगाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया था। विभाग के मुताबिक डिप्टी रेंजर मिश्रा पर बानापुरा में पदस्थ के दौरान 2019 में इकोसिस्टम इप्रूवमेंट प्रोजेक्ट में समितियों के 150 लोगों को भ्रमण पर ले जाना था। इस भ्रमण कार्यक्रम में फर्जी बिल लगाकर लगभग 18 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगाया गया था। विभागीय जांच में आरोप सही पाए गए,जिसके बाद डिप्टी रेंजर हरगोविंद मिश्रा को सीसीएफ (CCF) अशोक कुमार चौहान ने बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है।

4 जुलाई महाकाल भस्म आरती: मस्तक पर त्रिपुंड और त्रिनेत्र अर्पित कर बाबा महाकालेश्वर का शृंगार, 

दरअसल वन विभाग के डिप्टी रेंजर हरगोविंद मिश्रा के 18 लाख रुपए के गबन की नर्मदापुरम और हरदा में 2022 से जांच चल रही थी। हरदा से जांच पूरी होने के बाद विभागीय जांच भी हुई। इसका जबाव 26 जून को नर्मदापुरम सीसीएफ ऑफिस आया। जबाव आने के बाद दोषी पाए जाने पर सीसीएफ नर्मदापुरम अशोक कुमार ने डिप्टी रेंजर हरगोविंद मिश्रा को बर्खास्त कर दिया गया। इस मामले में तत्कालीन डीएफओ अजय पांडे पर भी आरोप हैं, जिनकी विभागीय जांच अभी जारी है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H