हेमंत शर्मा, इंदौ/उज्जैन। आगामी 11 जुलाई से श्रावण का महीना शुरू होने जा रहा है। श्रावण महीने में प्रत्येक सोमवार व भादो के महीने में शुरुवात के दो सोमवार को बाबा महाकालेश्वर, शाही ठाठ बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं। बाबा महाकाल के दर्शन को बड़ी संख्या में देश दुनिया के भक्त पहुंचते हैं। ऐसे में उज्जैन में जिला प्रशासन श्रावण भादो सवारी निकलने वाले दिनों में सोमवार को सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की हर साल छुट्टी रखता और रविवार को स्कूल लगाता है। ये स्कूल उज्जैन नगर निगम सीमा क्षेत्र में आने वाले होते है।

शिक्षा विभाग के माध्यम से आदेश होगा जारी

जिला कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 के श्रावण को लेकर बात की। पूछा स्कूली बच्चों के लिए बड़ा फैसला इस बार भी लिया जाना है? कलेक्टर ने कहा व्यवस्थाओं में जरूरत अनुसार नवाचार कर बाबा महाकाल की सवारी में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं की जाएगी, जो जरूरी व्यवस्थाएं पूर्व में की गई है उन्हें लागू किया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा विभाग के माध्यम से जल्द ही सोमवार को छुट्टी व रविवार को स्कूलों के लिए ये आदेश जारी हो जाएगा।

रविवार को लगेंगे स्कूल
कलेक्टर ने कहा सोमवार की जगह स्कूल रविवार को हर साल लगाए जाते हैं इस बार भी यही रहेगा। जिला शिक्षा विभाग के माध्यम से जल्द आदेश जारी होगा। उद्देश्य यही है कि स्कूली बच्चों को स्कूल के आवागमन में व श्रद्धालुओं को भी ट्रैफिक की वजह से कोई परेशानी ना हो और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

सरकारी और प्राइवेट दोनों के लिए आदेश
यह आदेश उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में आने वाले तमाम सरकारी और निजी स्कूलों के लिए है। इस बार कुल 6 सवारी बाबा महाकाल की निकालना है। चार श्रावण के सोमवार और दो भादौ महीने के सोमवार।

1 दिन की मिलेगी बच्चों को छुट्टी
श्रावण और भादो माह के सोमवार पर निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी में वैसे तो सोमवार को छुट्टी और रविवार को स्कूल लगते हैं लेकिन शाही सवारी जो की भादौ महीने के दूसरे सोमवार व पर्व के आखरी सोमवार पर निकलती है उस दिन अधिकारिक छुट्टी रहती है। स्कूली बच्चों को रविवार व सोमवार दोनों ही दिन स्कूल नहीं आना पड़ेगा।

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शाम 4 बजे शहर के इन मुख्य मार्गो से निकलती है सवारी

बाबा महाकालेश्वर की सवारी श्रावण व भादो के महीने में शाम 4:00 बजे मंदिर से निकलती है। शाम 4 बजे तक बाबा महाकाल मंदिर के सभा मंडप में पूजन अर्चना होती है उसके बाद सवारी महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए क्षिप्रा के श्री रामघाट पर पहुंचती है। क्षिप्रा के श्री रामघाट पर पूजा अर्चना, आरती के बाद सवारी रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज का मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए रात तक मंदिर लौटती है।

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