अमित पवार, बैतूल। 6 साल से सरकारी योजना के लाभ से वंचित एक आदिवासी महिला अपने दो बच्चों के साथ कलेक्टर कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गई है। पीड़ित सुनीता उइके के पति की मृत्यु 2 जून 2019 को हुई थी। तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा शुरू की गई संबल योजना का लाभ उसे मिलना था। इसके लिए उसने आवेदन भी दिया था।

आदिवासी महिला का आरोप है कि गांव के सरपंच, सचिव और जनपद पंचायत के अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के चलते संबल योजना की राशि उसे ना मिलकर किसी एक ऐसे हितग्राही के खाते में पहुंचा गई जिसे खुद जनपद पंचायत ने अपात्र घोषित कर दिया था। सुनीता मेहनत मजदूरी करके गुजर बसर कर रही है। इसके बावजूद वो लगातार 6 सालों से दफ्तरों के चक्कर काट रही है। अधिकारी और पंचायत उसकी सुनवाई करने तैयार नहीं। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की लेकिन कोई हल नहीं निकला। आखिरकार थक हारकर कलेक्टर कार्यालय के सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। पीड़ित सुनीता के समर्थन में मजदूर संगठन सीटू भी आ गया है। दो मासूम बच्चों और महिला के भूख हड़ताल पर बैठने के बाद देखना ये होगा कि प्रशासन अब भी मौन रहेगा या सुनीता को न्याय मिलेगा।

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