
चंकी बाजपेयी, इंदौर। लोकसभा चुनाव के समय सुर्खियों में आए अक्षय कांति बम की मुश्किलें बढ़ने वाली है। 17 साल पुराने मामले में अक्षय बम सहित अन्य पर आरोप तय हो गया है। आरोप तय होने के चलते अब अक्षय कांति बम की मुश्किलें बढ़ गई है क्योंकि लोकसभा चुनाव के समय वह कांग्रेस का दामन छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसको लेकर कांग्रेस ने भी काफी विरोध प्रदर्शन किया था।
लोक अभियोजन अधिकारी अभिजीत राठौर ने बताया कि अक्षय बम और उनके पिता कांति बम सहित एक अन्य व्यक्ति द्वारा जमीन पर कब्जा करने का प्रकरण जिला न्यायालय में साल 2007 से चल रहा है। यह प्रकरण खजराना स्थित निपानिया में कीमती जमीन से जुड़ा हुआ है। फरियादी यूनुस पटेल द्वारा प्रकरण दर्ज कराया गया था। अब उन पर आरोप तय हो गया है। शिकायतकर्ता द्वारा अक्षय बम और उनके पिता सहित अन्य लोगों पर मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया था, लेकिन 307 जैसी गंभीर धारा में प्रकरण दर्ज नहीं किया गया था। इसी के चलते साल 2024 में न्यायालय द्वारा धाराओं में इजाफा किया गया था। इसके बाद गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था। उच्च न्यायालय द्वारा पूरे मामले में स्टे दे दिया था और लगातार सुनवाई चलती रही। फरियादी पक्ष की ओर से तमाम तर्कों के आधार पर अभी आरोप तए हुए हैं।
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