अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा (कटनी)। जिला पंचायत के सीईओ शिशिर गेमावत ने मृत व्यक्तियों के नाम पर योजनाओं का लाभ दिलाने मामले में लापरवाही बरतने के कारण जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के ग्राम पंचायत गोपालपुर के तत्कालीन सचिव लखन लाल बागरी व ग्राम पंचायत अंतर्वेद के तत्कालीन सचिव वंशरूलहक को निलंबित कर दिया है। जिला पंचायत सीईओ की कार्रवाई से महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।

1998 के नियम तीन के तहत आचरण की श्रेणी में

मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा यजुवेंद्र कोरी को गोपालपुर पंचायत की शिकायत मिलने पर सचिव लखन लाल बागरी को 3 जून को मृतिका भूरी बाई को भवन निर्माण योजना अंतर्गत अपात्र होते हुए लाभ पहुंचाने के संबंध में बिंदुवार कारण बताओ पत्र जारी कर प्रतिउत्तर चाहा था। किंतु उत्तर परीक्षण समाधानकारक नहीं पाया गया। सचिव बागरी का यह कृत्य शासकीय कार्य के प्रति घोर लापरवाही स्वेच्छाचारिता और पदीय दायित्वों के विपरीत होने के साथ पंचायत सेवा नियम 1998 के नियम तीन के तहत आचरण की श्रेणी में आता है।

समय सीमा में जवाब नहीं दिया

इसी प्रकार अंतर्वेद ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव वंशरूलहक मंसूरी को 3 जून को मृतिका गुड्डी बाई को संबल योजना अंतर्गत अपात्र होते हुए भी लाभ पहुंचाने के संबंध में बिंदु बार कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर प्रति उत्तर मांगा गया लेकिन संबंधितों के द्वारा समय सीमा में जवाब न देने पर जिला पंचायत सीईओ के द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की गई हैं।

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अधिकारियों की साठगांठ

बता दें कि मृतकों के नाम से शासकीय योजनाओं का लाभ दिलवाने में पंचायत सचिव अकेले दोषी नहीं है जनपद से लेकर जिले तक के अधिकारियों की साठ गांठ से शासकीय राशि का बंदरबाट किया जा रहा जिसमें उच्च स्तरीय जांच होना आवश्यक है।

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वाइट आर पी मार्को बीपीओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा

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