अजय नीमा, उज्जैन/ हेमंत शर्मा, इंदौर। देवास के चामुंडा देवी मंदिर में पुजारी से मारपीट के बाद सुर्खियों में आए इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला का नया कारनामा सावन के महीने में उज्जैन से सामने आया है. बताया जा रहा है कि इस बार महाकाल मंदिर के गर्भगृह में घुसने के लिए पुजारी और मंदिर निरीक्षक से विवाद किया.

इस बार उनके विधायक पिता गोलू शुक्ला भी उनके साथ थे. विधायक पिता के साथ रुद्राक्ष ने करीब 5 मिनट तक गर्भगृह में पूजा की, जबकि मंदिर प्रशासन के स्पष्ट नियमों के अनुसार गर्भगृह में केवल पुजारी ही प्रवेश कर सकते हैं. वीआईपी भी केवल नंदी के समीप से दर्शन कर सकते हैं.

महाकाल मंदिर नीति के अनुसार VIP को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है, फिर भी नियमों का उल्लंघन हुआ. देवास में पहले ही उनके खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है. धार्मिक स्थलों पर VIP संस्कृति और शक्ति प्रदर्शन पर यह दूसरी घटना है. 

जानकारी के अनुसार, विधायक गोलू शुक्ला, बेटा रुद्राक्ष शुक्ला अपने समर्थकों के साथ मंदिर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने गर्भगृह में प्रवेश की कोशिश की थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रुद्राक्ष ने मंदिर निरीक्षक और कर्मचारी आशीष दुबे से बहस की और दबाव बनाकर गर्भगृह तक पहुंच गए

महाकाल मंदिर प्रशासन ने दिए जांच के निर्देश

महाकाल मंदिर प्रशासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। उप प्रशासक एस एन सोनी ने बताया कि मंदिर प्रशासक के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। जांच के बाद 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं।”

विधायक ने आरोपों को बताया निराधार

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसकर पूजा करने के मामले में विधायक गोलू शुक्ला ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, “ये सब आरोप निराधार है, मुझे और मेरे बेटे को बदनाम करने की साजिश है।  लोगों का षड्यंत्र है कि कैसे सनातन को बदनाम किया जाए। कांग्रेस के लोग षडयंत्र कर रहे हैं। हम खुद सभ्य समाज से हैं। बाबा के दर्शन करने हम अनुशासन से जाते हैं। हमारी कावड़ यात्रा तब से निकल रही है, जब बहुत कम कावड़ यात्री उज्जैन जाते थे। इसी को लेकर लोगों को तकलीफ हो रही है।”

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