हेमंत शर्मा, इंदौर। दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी और भोपालको कभी ना भूलने वाला ज़ख्म देने वाली यूनियन कार्बाइड  एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस फैक्ट्री में सालों से रखे ज़हरीले कचरे को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री के गोदाम में रखा 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को भोपाल से 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर में नष्ट किया जाएगा। इसे ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। हालांकि इंदौर और पीथमपुर कचरे के नष्टीकरण को लेकर इसका विरोध भी शुरू हो गया।  

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गैस राहत विभाग के मुताबिक, फैक्ट्री में करीब 337 मीट्रिक टन ज़हरीला कचरा मौजूद है, जिसमें सीवन नाम का वो कीटनाशक भी है, जिसका उत्पादन भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में होता था और हादसे के बाद बचा हुआ कीटनाशक जो अत्यंत ज़हरीला है यहां से हटाया जाएगा। इसके अलावा जिस एमआईसी गैस के लीक होने से हज़ारों लोगों की मौत हुई थी वो नेफ्थॉल से बनाई जाती थी। आज भी यह नेफ्थॉल फैक्ट्री परिसर में है, इसे भी हटाया जायेगा।

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इसके अलावा कई अन्य तरह के केमिकल जो यहां इस्तेमाल होते थे, वो रिएक्टर जिसमें कीटनाशक बनते थे और परिसर की मिट्टी जिसके ज़हरीले होने का शक है उन सब को यहां से हटाकर पीथमपुर में नष्ट किया जायेगा। इस काफिले के साथ पुलिस की गाड़ियां और एम्बुलेंस रहेगी जिससे आपात स्थिति में काफिले के साथ मौजूद स्टाफ को ज़रूरत पड़ने पर त्वरित मेडिकल सहायता उपलब्ध हो सकेगी। 

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