समीर शेख, बड़वानी। कोरोना संक्रमण काल में जहां लोग मानवता का परिचय देकर अपने स्तर पर मरीजों और परिजनों की सेवा कर रहे हैं. वहीं संस्था संगठन के लोग निजी अस्पतालों सहित पीडि़तों को दवाई और ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे जीवन रक्षक चीजे उपलब्ध करा रहे हैं. इन सब के बीच कुछ लोग मानवता को शर्मसार करने वाली वारदात को अंजाम देने से भी नहीं हिचक रहे हैं. बड़वानी से सटे महाराष्ट्र के धुलिया महाराष्ट्र में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. साथ ही पैसे के लालची लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. कोरोना के कोहराम के बीच धुलिया में एक बार फिर से मानवता को शर्मसार किया है. निजी अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत के बाद डेडबॉडी को सुरक्षित पैक कर दी गई थी. उसके बाद अस्पताल के कुछ युवा कर्मचारी डेडबॉडी की चेन को खोलकर उसके जेब से रुपए निकालते हुए दिख रहे हैं.

35 हजार रुपए मृतक की जेब से निकालने का आरोप

इस वारदात से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वहीं परिजनों ने लगभग 35 हजार रुपए मृतक की जेब से निकालने का आरोप लगाया है. कोरोना से संक्रमित मरीज की मौत के बाद अस्पताल कर्मचारियों ने उसकी जेब से पैसे चुराने की यह संभवत: पहली घटना सामने आई है।

धुलिया के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान शिरपुर तहसील निवासी धनराज माली की मौत

जानकारी के अनुसार बड़वानी से सटे महाराष्ट्र के धुलिया के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान शिरपुर तहसील निवासी धनराज माली की मौत हो गई. मौत के बाद अस्पताल कर्मचारियों ने उसकी जेब से पैसे चुराने की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. इसमें अस्पताल का एक कर्मचारी मृतक की जेब से पैसे निकालते हुए दिखाई दे रहा है और कुछ कर्मचारी उसको सपोर्ट कर रहे हैं. इस घटना से यह साबित होता है कि अब लोगों में ना तो इंसानियत बची है ना ही मानवता।