मध्य प्रदेश में सरकार की तमाम योजनाएं चल रही है, जिसमें से एक है, मुख्यमंत्री निशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना. जिसका उद्देश्य दिव्यांगजन और अन्य कमजोर वर्ग के लोगों को विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है. जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के दिव्यांगों को विवाह के लिए सहायता दी जाती है. ताकि वे अपने जीवन साथी के साथ एक खुशहाल और सम्मानजनक जीवन जी सकें.

योजना के लिए पात्रता

मुख्यमंत्री निशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को मध्य प्रदेश का निवासी होना चाहिए. आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और आवेदिका की 18 वर्ष होनी चाहिए. विवाह धार्मिक रीति, सामाजिक रीति या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी रूप से होना चाहिए. आवेदक/आवेदिका आयकरदाता नहीं होना चाहिए. दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा 2 में परिभाषित अनुसार 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता हो.

क्या है आदेवन की प्रक्रिया?

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन पेश करना होगा. जो कि संयुक्त संचालक/उप संचालक सामाजिक न्याय और नि:शक्तजन कल्याण के कार्यालय में किया जाएगा. जनपद पंचायत और नगरीय निकायों में भी जमा किया जा सकता है. आवेदन के निराकरण की समयसीमा 15 कार्य दिवस है.

आदेवन के लिए दस्तावेज

मध्य प्रदेश के मूल निवासी प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी.

डॉक्टर द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी.

सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र जिसमें यह बताया गया हो कि व्यक्ति आयकर दाता नहीं है.

आयु प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी.

विकलांग दम्पति की दो संयुक्त पासपोर्ट साइज फोटो.

विधवा के मामले में पति के मृत्यु प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी.

परित्याग के मामले में न्यायालय के आदेश की फोटोकॉपी.

बचत खाता संख्या वाली बैंक पासबुक की फोटोकॉपी.

सहायता राशि

इस योजना के तहत अगर दम्पति में से कोई एक दिव्यांग हो तो 2,00,000 रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की जाती है और अगर दम्पति (लड़का और लड़की) दोनों दिव्यांग हों तो 1,00,000 रुपये से अधिक सहायता प्रदान की जाती है.

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