धमेंद्र यादव, निवाड़ी। मध्यप्रदेश के एक शख्स को कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का पोस्टर दिखाने पर सऊदी अरब की पुलिस ने जेल में डाल दिया था। उसे 8 महीने तक बंद रखा और खाने में सुबह-शाम सिर्फ दो-दो ब्रेड दी। रात-रातभर सोने नहीं दिया गया। परिजन का आरोप है कि इंडियन एंबेसी ने भी उसकी मदद नहीं की। परिवार की तमाम कोशिशों के बाद आखिरकार 4 अक्टूबर को उसकी वतन वापसी हुई।

यातना की यह कहानी निवाड़ी जिले के युवा कांग्रेस अध्यक्ष रजा कादरी की है। रजा 21 जनवरी को अपनी दादी शहीदा बेगम के साथ हज पर गए थे। रजा ने 25 जनवरी को मक्का के हरम मस्जिद से भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर के साथ एक तस्वीर क्लिक कराई थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। राजा ने बातचीत में बताया कि भारत की एक पॉलिटकल पार्टी के आईटी सेल ने उनके खिलाफ सऊदी की इंटेलिजेंस एजेंसी को कई मेल किए। जिसके बाद वहां की पुलिस उन्हें पॉलिटिकल एजेंट के तौर पर देखने लगी थी।

MP ELECTION 2023: बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ शिकायत, कांग्रेस ने लगाया ये आरोप

दादी की इच्छा पूरी करने हज पर साथ गए थे

रजा कादरी ने बताया कि दादी शहीदा बेगम की उम्र 75 साल से ज्यादा हो चुकी है। वो आखिरी बार साल 2002 में हज की यात्रा पर गई थीं। अक्सर कहती थीं कि मेरी उम्र हो गई है, न जाने कब अल्लाह के पास चली जाऊं। जाने से पहले इच्छा है कि एक बार हज कर आऊं। दादी की इच्छा पूरी करने के लिए मैंने उनके साथ हज पर जाने का फैसला किया।

जल्द खत्म होगा Congress नेताओं का इंतजार: गुना पहुंचे कांग्रेस पर्यवेक्षक दिनेश ठाकुर, प्रत्याशियों के ऐलान को लेकर दिए ये संकेत

झांसी के अल अंसार टूर एंड ट्रैवल्स से दो लाख रुपए में टूर पैकेज बुक हुआ। इसमें सऊदी में रहने से खाने तक की व्यवस्था ट्रैवल्स की थी। हम 21 जनवरी को भारत से रवाना हुए और अगले दिन 22 जनवरी को मक्का सिटी पहुंचे। हमारे ग्रुप में 72 लोग थे। हम यहां अल ओलायन रॉयल होटल में रुके। ये होटल मस्जिद से एक किमी की दूरी पर है। 23 से 25 जनवरी के बीच मैं तीन बार इबादत कर आया था। दादी भी बेहद खुश थी।

इंटरव्यू लेने का बहाने आई पुलिस

रजा ने कहा हम 10 फरवरी तक भारत वापस आने वाले थे। 25 जनवरी को उमराह के दौरान मेरे और ग्रुप के सभी लोगों ने मस्जिद के अंदर तस्वीरें क्लिक कराईं। मैंने भी दो तस्वीरें क्लिक कराई थी। पहली तिरंगे के साथ और दूसरी फोटो कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा के पोस्टर के साथ। इस दिन तक सब कुछ ठीक था। 26 जनवरी को मैंने ये तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर दी। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इसे शेयर किया।

MP Election 2023: इंदौर और उज्जैन संभाग में चुनाव तैयारियों की समीक्षा, भारत निर्वाचन आयोग ने दिए ये अहम निर्देश…

मैं 26 जनवरी की रात करीब 2 बजे होटल में अपने कमरे में पहुंचा। सोने ही जा रहा था कि डोर बेल बजी। बाहर एक आदमी खड़ा था। इस आदमी ने मुझसे कहा कि वो वीजा कंपनी की ओर से आया है और ट्रिप के संबंध में मेरा इंटरव्यू लेना चाहता है। मैंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये कोई इंटरव्यू देने का समय नहीं है। आपको मेरा रूम नंबर किसने बताया।

सोने की तस्करी करने वाला आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे: 85 लाख के आभूषण जब्त, उदयपुर से मुंबई ले जा रहा था

सामने खड़ा व्यक्ति जवाब देता है। आपका नाम आपके ग्रुप लीडर कासिफ भाई ने बताया है। वो नीचे ही खड़े हैं। इसके बाद मैं उस व्यक्ति के साथ जाने को राजी हो गया। हम दोनों लिफ्ट से नीचे जाने लगे। ग्राउंड फ्लोर पर जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा खुला, कुछ लोगों ने मेरे मुंह पर काला कपड़ा डाल दिया और हथकड़ी डालकर होटल से ले गए। जब मुंह से कपड़ा हटा तो मैं देखता हूं कि पुलिस की वर्दी में सात से आठ लोग मुझे घेरे हुए थे। मुझे बताया गया कि मैंने सऊदी अरब के नियम तोड़े है। इसलिए मुझे गिरफ्तार किया गया है।

दो महीने तक अंधेरे कमरे में रखकर करते रहे पूछताछ

इसके बाद रजा ने तिरंगे और भारत जोड़ो यात्रा के संबंध में सारी बातें स्पष्ट की। उन्होंने ये स्वीकार किया कि नियमों की जानकारी के अभाव में उनसे भूल हुई है। वो सोशल मीडिया से फोटो हटाने को तैयार हैं। पुलिस ने रजा से कहा कि वीजा कंपनी की ओर एक एनओसी लेटर, अपना वीजा और पासपोर्ट पेश करिए। वेरिफिकेशन के बाद आपको छोड़ दिया जाएगा। रजा ने ट्रैवलिंग एजेंट से बात की, लेकिन उनका ट्रैवलिंग एजेंट नहीं आया। उन्हें पता चलता है कि एजेंट ने ही उनका प्रोफाइल, डाटा और होटल की जानकारी पुलिस को दी थी। इसके बदले में पुलिस की ओर से उसे 15 हजार रियाल (करीब 3 लाख रुपए) का इनाम दिया गया था।

प्रियंका पर कैलाश का करारा प्रहार: MP में जातिगत जनगणना को लेकर विजयवर्गीय बोले- अंग्रेजों के तर्ज पर फूट डालो और राज करो की राजनीति कर रहीं

इस बीच अचानक सऊदी पुलिस के पास उनके कुछ वीडियो पहुंचे। ये वो वीडियो थे, जिसमें रजा पॉलिटिकल रैली में नजर आ रहे थे। रजा से पुलिसवालों ने कहा वो एक पॉलिटिकल एजेंट हैं। उन्होंने इससे इनकार किया। रजा ने बताया किसी पॉलिटिकल पार्टी के मेल से ये सारे वीडियोज सऊदी अरब की इंटेलिजेंस एजेंसी को भेजे गए थे। वीडियो मिलने के बाद पुलिस मेरे साथ कड़ाई से पेश आने लगी थी। इस सब में दो दिन बीत गए थे। इसके बाद पुलिस ने मुझे जेल में डाल दिया।

मुझे सबसे पहले ढाहबान की सेंट्रल जेल ले जाया गया। यहां दो महीने तक मैं एक अंधेरे कमरे में बंद रहा। खाने के नाम पर सुबह-शाम जेल का कोई एक बंदा दो ब्रेड के टुकड़े मेरे लिए छोड़ जाता था। कुछ दिन बाद वहां का जेलर मेरे पास आया। उसने घरवालों से मेरी बात कराई। निर्देश दिया कि घरवालों से बस इतना ही कहना कि जेल में हूं, ठीक हूं, अच्छा खा-पी रहा हूं। इस जेल में मैं छह महीने रहा। दो महीने तक केवल मुझसे पूछताछ चली। मुझे रात-रात भर एक कमरे में बैठाया जाता था।

गरीबों की झोली में ऐसा अन्न, जिसे जानवर भी खाने से कर दे इनकार: MP के इस जिले में मिल रहा फफूंद और कीड़े पनप रहे खाद्यान्न

पुलिस लाई डिटेक्टर मशीन से मेरे हर जवाब को वेरिफाई करती थी। टेस्ट से पहले मुझे एक केमिकल पिलाया जाता था। इससे मुझे नींद आती, लेकिन वो सोने नहीं देते थे। मुंह पर पानी फेंककर जगाए रखते थे। उन्होंने मेंटली तौर पर बहुत टॉर्चर किया। दो महीने तक मैंने न तो सूरज देखा, न ही किसी का चेहरा। मेरा मेंटल स्टेटस इतना बिगड़ गया कि मुझे साइकियाट्रिस्ट के पास ले जाना पड़ा। किस्मत से वो भारतीय निकले। उन्होंने जेलर को सुझाव दिया कि वो मुझे सामान्य सेल में डाल दें। इसके दो दिन बाद मुझे नॉर्मल सेल में शिफ्ट किया गया।

जहां भेजा वो जगह नरक है, शुक्र है मैं वतन लौट आया

ढाहबान में मुझे छह महीने रखा गया। इसके बाद शुमैसी डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया। यहां भारतीयों को सबसे गंदी और बुरी हालत में रखा जाता है। उनके कंबलों में कीड़े घुसे थे। खाने की जगह पर गंदगी थी। यहां आकर ऐसा लगा कि नरक ऐसा ही होता होगा। इसी बीच एक एजेंट मुझसे मिलने आया। भारत से उसे मेरे परिवार वालों और कांग्रेस पार्टी ने मुझे छुड़ाने के लिए अप्रोच किया था। उसने मुझे विश्वास दिलाया कि वो मुझे वो छुड़ा लेगा।

बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में CM की सभा: शिवराज सिंह ने कहा- MP की धरती पर किसी को बगैर जमीन-मकान के नहीं रहने दूंगा, कमलनाथ और प्रियंका की घोषणा पर साधा निशाना

मामले की तहकीकात में ​​​​​​सऊदी पुलिस को रजा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। जो वीडियो इंटेलिजेंस को भेजे गए, पुलिस ने उनकी जांच की। साबित हो गया कि उनसे सऊदी अरब को कोई खतरा नहीं था। एजेंट ने मदद की तो कागजी काम में तेजी आई, इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। सऊदी पुलिस 3 अक्टूबर को रजा को एयरपोर्ट तक छोड़ने आई।

सऊदी में बिना घूस लिए नहीं होता कोई काम

रजा ने बताया कि मुझे वापस लाने में घरवालों के 28 लाख रुपए खर्च हो गए। इसमें बहुत से पैसे तो फ्रॉड में चले गए। मुझे छुड़ाने के नाम कई लोग घरवालों से पैसे ऐंठ चुके थे। सऊदी में हमारी इंडियन एम्बेसी टोटली डेड है। जब मैं जेल से छूटा तब मेरे पास मेरा पासपोर्ट नहीं था। मैंने एम्बेसी से मदद मांगी तो उन्होंने मुझसे पैसे लिए। एम्बेसी के तनवीर आलम ने मुझसे पासपोर्ट के काम के लिए 1200 रियाल (लगभग 26 हजार रुपए) लिए। वहां मेरी तरह हजारों भारतीय फंसे हुए हैं। उनकी हालत मेरे से भी बुरी है। इनमें से बहुत सारे लोगों को उनके ही एजेंटों ने ठगा है। एम्बेसी के लोग उन्हें निकलवाने के लिए पैसों की डिमांड करते हैं। जो पैसा दे पाते हैं, उन्हें निकाल लिया जाता है। जो नहीं दे पाते, वो फंसे ही रहते हैं।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus