सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाले में अब राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेशभर के पटवारी और आरआई को भी जांच के घेरे में शामिल कर लिया है। घोटाले में पटवारी और आरआई की भूमिका की जांच की जा रही है। इससे पहले सीबीआई, पुलिस, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों और नर्सिंग कॉलेज व विश्वविद्यालय के स्टाफ की संलिप्तता पहले ही इस घोटाले में उजागर हो चुकी है। 

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दरअसल कॉलेज भवन का ले आउट, नियमानुसार जमीन का क्षेत्रफल आदि की रिपोर्ट तैयार करके स्वीकृति देने का दायित्व पटवारी और आरआई का ही था। यही कारण है कि पटवारी और आरआई द्वारा जारी रिपोर्ट की जांच कराकर घोटाले में इनकी भूमिका की पड़ताल की जा रही है। कॉलेजों की जमीन का सीमांकन भी कराया जाएगा।

इधर राजस्व विभाग ने प्रदेश के 16 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इसमें अफसरों से पूछा गया है कि जिन कॉलेजों को आपने निर्धारित मापदंडों के अनुसार बताया, वे सीबीआई जांच में अनफिट कैसे पाए गए।

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बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त रुख के बाद जांच दल में शामिल अधिकारी-कर्मचारियों की पहचान कर नोटिस थमाया गया है। सीएम ने पिछले माह बैठक लेकर सख्त निर्देश दिए थे कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन कॉलेजों की जांच कर पात्र बताया था, उन्हें भी चिन्हित कर कार्रवाई की जाए। इस मामले में राजस्व विभाग ने जांच के पर्यवेक्षण में शामिल 16 तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को भी नोटिस देकर जवाब मांगा है।

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