शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के सागर जिले में एक व्यक्ति की हत्या और उसके भतीजी की एम्बुलेंस से कथित रूप से गिरने से मौत मामले में सियासत तेज हो गई है। दिग्विजय सिंह के बाद अब पीसीसी चीफ जीतू पटवारी आज सागर जाएंगे। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने मामले को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है।

इसके पहले कल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने संदिग्ध हालात में मृत हुई अंजना अहिरवार के अंतिम यात्रा और अंत्येष्ठि में शामिल हुए थे। सागर में एक साल पहले नितिन अहिरवार की पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसकी मां को निर्वस्त्र कर दिया गया था। एक साल बाद भतीजे के हत्याकांड के गवाह चाचा की हत्या हो गई। बीते दिन एम्बुलेंस से शव ले जाने के दौरान भतीजी ने भी कूद कर आत्महत्या कर ली।

नितिन अहिरवार की अगस्त में हत्या कर दी थी

बता दें कि मध्यप्रदेश के सागर जिले के ग्राम बरोदिया नोनागिर में दलित युवती अंजना अहिरवार द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत से खिन्न गुंडों ने युवती के भाई नितिन अहिरवार की पिछले वर्ष अगस्त माह में हत्या कर दी थी। हत्या में बीजेपी नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी।

एक भी आश्वासन पूरे नहीं हुए

कमलनाथ ने लिखा- मैं यह सुनकर स्तब्ध हूँ कि किस तरह 9 महीने के भीतर एक दलित बेटी की छेड़छाड़ की शिकायत पर पहले उसके भाई की हत्या, फिर उसके चाचा की हत्या और फिर संदिग्ध परिस्थितियों में उस बेटी की भी मौत हो गई। पीड़िता के भाई की हत्या के बाद प्रशासन ने पीडिता को नौकरी और सुरक्षा समेत कई आश्वासन दिये थे, उनमें से कुछ भी पूरे नहीं किये गये।

सदस्यों का जीवित बचना सुरक्षित करेंगे

अंजना को नौकरी नहीं मिली, घर से सुरक्षा हटा दी गई, सीसीटीवी के केबल काट दिये गये। राजीनामा के लिये बार बार दबाव बनाया गया। पीड़ित बेटी ने थाने में शिकायत भी की परन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्या मध्यप्रदेश में अब दलित होना गुनाह हो गया है ? क्या एक पूरे दलित परिवार को ख़त्म करने वाले बीजेपी संरक्षित आरोपियों को सजा मिलेगी ? क्या मुख्यमंत्री इस परिवार के बचे हुए सदस्यों का जीवित बचना सुरक्षित करेंगे ?

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