(सुधीर दंडोतिया की कलम से)
बधाई ने कराई जग हंसाई
सोशल मीडिया पर बीते तीन दिनों से बीजेपी में परिवर्तन-परिवर्तन की खबरों से हलचल मची रही. अधिकारिक तौर पर बदलाव को लेकर किसी के पास कोई जानकारी नहीं थी. बावजूद इसके बधाइयों का सिलसिला दो दिनों तक चलता रहा, ऐसा लगा मानो किसी ने सोच समझकर इस मुहिम को चलाया हो. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने को लेकर एक केंद्रीय मंत्री को तो खुद बीजेपी के कई नेता बधाई देते रहे, जिन नेताओं के अध्यक्ष बनने की खबरें थीं उनको भी टैग कर बधाई दी जा रही थी. ख़ास बात यह रही कि दो दिनों तक चली बधाइयों के सिलसिले में बधाई लेने वाले नेताजी ने भी खंडन न कर मौन स्वीकृति दे दी. हालांकि बाद में कई नेता खुद अपने सोशल मीडिया से बधाईयों को डिलीट करते नजर आए. कहा जा रहा है ये सारी गफलत सीएम हाउस में हुई एक बड़ी बैठक के बाद खुद केंद्रीय मंत्री के एक ट्वीट के कारण हुई! पर इस घटनाक्रम ने कांग्रेस को मजे लेने का एक बड़ा मौका दे दिया. अब मजे की बात यह है कि पार्टी के जिन नेताओं ने बधाइयां दी संगठन उनकी सूची तैयार कर रहा है!.
फंड का फंडा
मध्य प्रदेश में सत्ता की वापसी की राह देख रही एक बड़ी पार्टी में चुनावी फंडिग की जिम्मेदारी महाकौशल के दो बड़े नेताओ को दी गई है. पार्टी के मुखिया ने किसी और पर भरोसा न करते हुए अपने दो ख़ास नेताओं को यह जिम्मेदारी दी है जो खुद कारोबार से जुड़े हुए हैं. जिन नेताओं को यह जिम्मेदारी मिली है उनमें से एक नेता ने मध्य प्रदेश में अपने नेताजी के लिए सबसे पहले मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में मुहिम चलाई थी, जिसका प्रतिसाद उन्हें प्रदेश के खजांची रूप में मिला था. वहीं दूसरे बड़े नेता रेत और शराब के बड़े कारोबार से जुड़े हैं!
स्टार प्रचारक
यूपीएससी की परीक्षा में हाल के परिणाम से मध्य प्रदेश गौरवान्वित हुआ है. मध्य प्रदेश में इस बार लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा विद्यार्थियों ने यूपीएससी की परीक्षा में अपना परचम फहराया है. परीक्षा में पास होने के लिए मेहनत बच्चों ने की, पर इनकी सफलता को दोनों दलों के नेता ऐसे भुनाने में लगे हैं जैसे उनकी वजह से ही बच्चों को सफलता मिली हो. नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर इन सफल विद्यार्थियों को बधाई के फोटो की बाढ़ सी आ गई है. नेताओं को भी मालूम है कि इन टॉपर बच्चों से अच्छा ब्रांड अम्बेस्डर और स्टार प्रचारक उन्हें कहां मिलेगा.
आईपीएस की बढ़ी मुश्किलें
मध्य प्रदेश में हाल ही में लोकायुक्त छापे में बर्खास्त महिला संविदा इंजीनियर के बाद अब लोकायुक्त के निशाने पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं. खबर है कि इन आईपीएस अधिकारी का बर्खास्त महिला संविदा इंजीनियर पर कुछ ज्यादा ही मेहरबानी थी. सरकार ने बर्खास्त महिला संविदा इंजीनियर के सुपरविजन में चल रहे काम की गुणवत्ता को लेकर जांच बैठा दी है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि बर्खास्त महिला संविदा इंजीनियर की बड़े साहब से नजदीकियों के चलते उन्हें बड़े प्रोजेक्ट दिए गए और उनमें आर्थिक अनियमितता भी सामने आई है. अब लोकायुक्त जांच का दायरा बढ़ाते हुए बड़े साहब से पूछताछ की तैयारी चल रही है.
बेलवाल पर टेढ़ी नजर
मध्य प्रदेश में स्कूली बच्चों को बांटे जाने वाली ड्रेस को लेकर आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एमएल बेलवाल विपक्ष के साथ अपनों के भी निशानों पर हैं. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि खुद सरकार की ओर से फेक्ट चेक कर इस पर सफाई दी गई. उसके बाद केवल कांग्रेस के निशाने पर रहने वाले एमएल बेलवाल को लेकर सत्ता धारी पार्टी के एक विधायक ने उच्च स्तरीय जांच को पत्र लिख दिया है. एमएल बेलवाल रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी हैं. उनकी मिशन संचालक की नियुक्ति पहले भी सवालों के घेरे में रही है. ऐसे में कांग्रेस बेलवाल पर टेढ़ी नजर बनाए हुए है. सरकार बनने पर इनकी मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं.
चर्चा जोरों पर है
मध्य प्रदेश में सागर जिले में बीजेपी नेताओं के बीच की अदावत की चर्चा जोरो पर है. नौबत यहां तक पहुंच गई कि प्रदेश के दो कद्दावरमंत्रियों ने जिले के अन्य कद्दावर मंत्री की शिकायत खुद मुख्यमंत्री और संगठन से की है. इसके बाद समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर खुलकर जंग छिड़ गई है. इस मामले ने मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी की अंदरूनी कलह को सामने ला दिया है. यह मामला दिल्ली तक पहुंचा है, जिसके बाद दिल्ली से इस मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी प्रदेश से ही आने वाले एक केंद्रीय मंत्री को मिली है. जिन मंत्री की शिकायत हुई है उनके खिलाफ के जिले के दूसरे विधायक भी आ गए हैं. ऐसे में चर्चा जोरो पर है कि मंत्रीजी को लेकर यह बगावत मंत्रीजी की मुश्किल बढ़ा सकती है !
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