विधायक जी को न
राजधानी भोपाल के एक जनप्रतिनिधि इन दिनों खासे परेशान हैं। दरअसल, विधायक जी अपने चहेतों को सिविल वर्क दिलाना चाहते हैं। सिविल वर्क के लिए लगातार मंत्रालय और एक मंत्री जी के चक्कर भी लगा रहे हैं। पहले नेता जी के कहने पर सेटिंग के चलते चहेतों को काम मिल जाता था। लेकिन हुआ यूं कि नेताजी और संबंधित बड़े अफसर के बीच में कुछ अनबन हो गई। मामला शिष्टाचार से जुड़ा हुआ था। विधायक जी का कहना था कि जो शिष्टाचार पहले से किया जा रहा है, वही आगे भी होगा। अफसर ने नए सिस्टम की बात भी समझाई लेकिन विधायक जी को समझ ना आई। विधायक जी ने संबंधित अधिकारी महोदय की माननीय से शिकायत भी की। ये दांव तो उल्टा पड़ गया। मंत्री जी ने अफसर को ही विधायक जी के काम के सिलसिले नमस्ते करने का निर्देश दे डाला। अब विधायक जी बात अपने इगो पर लिए खासा परेशान हैं।
अब ऐसी गुस्ताखी न होगी
दिल तो बच्चा है जी गाना तो आपने सुना होगा। ऐसा ही नगरीय विकास आवास विभाग में एक उम्र दराज अधिकारी के साथ हो गया। दरअसल, नगरीय प्रशासन संचालनालय की दूसरी मंजिल पर कार्यरत साहब से कम ओहदे की अफसर से कुछ ज्यादा ही लगाव हो गया। साहब अक्सर महिला को किसी न किसी कम से बुलाने भी लगे। साहब ने मोहतरमा को अच्छी कमाई वाली जगह पर भेजने की बात भी कही। धीरे-धीरे साहब अपने इरादों से महिला अधिकारी को दो-चार कराने लगे। महिला अधिकारी ने समझते हुए भी मामले को अनदेखा किया। जब सर से पानी ऊपर गया तो महिला ने अधिकारी महोदय की चेंबर में ही लू उतार दी। वैसे सुनने में आया है कि इससे पहले अधिकारी महोदय महिला को परिवार समेत बड़े होटल में रात्रि भोज भी कराया था। और यह रात्रि भोज महिला के परिवार पर भारी पड़ा। जब थोड़ी दूरी बनाने की कोशिश की तो बात आगे बढ़ने लगी। लिहाजा रंगीन मिजाज अधिकारी का मिजाज महिला अफसर को ठीक करना पड़ा।
अध्यक्ष की कुर्सी और वेट एंड वॉच की स्थिति
अगला युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर कांग्रेस के अंदर राहुल गांधी लगातार इंटरव्यू ले रहे हैं। फाइनल राउंड का जो इंटरव्यू हुआ है, उसमें पांच नेता शामिल थे। जिसमें से तीन मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। इसमें एक नेता मौजूदा युवा कांग्रेस अध्यक्ष हैं, एक पूर्व और तीसरे एमपी युवक कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी। इंटरव्यू के बाद सभी नेताओं की सांसे ऊपर नीचे हो रही है। लगातार वो अपने करीबी नेताओं को फोन कर अपडेट ले रहे हैं। कहीं वो अध्यक्ष की कुर्सी की दौड़ से पीछे तो नहीं चल रहे। उधर मौका मिलने पर दावेदार दूसरे नेताओं के नंबर कम करने में भी लगे हुए हैं।
5 मिनट सुन आग बबूला हुए मंत्री जी
दो बार भोपाल की समीक्षा बैठक टलने के बाद आखिरकार बैठक हुई। लेकिन बैठक में स्मार्ट सिटी के सीईओ नहीं पहुंचे और इससे प्रभारी मंत्री चेतन कश्यप आगबबूला हो गए। बैठक खत्म होते ही बाहर जाकर मीडिया से कहा ‘ऐसे अधिकारियों को हटाया जाएगा।’ लेकिन स्मार्ट सिटी के सीईओ बैठक में क्यों नहीं पहुंचे और माननीय इतने नाराज क्यों हुए, इसको लेकर अंदर खाने की खबर ये है कि बैठक के समय लगातार स्मार्ट सिटी के सीईओ के फोन घनघनाये गए। हर बार CEO की तरफ से कहा गया ‘5 मिनट में आ रहा हूं।’ बैठक करीब डेढ़ घंटे चली लेकिन साहब के 5 मिनट खत्म ही नहीं हुए….और मामला बिगड़ गया।
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