शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के 355 समेत ऐशबाग के ROB ब्रिज को लेकर PWD विभाग ने यू टर्न लिया है। लोक विभाग की ओर से कहा गया है कि यह आदेश गलती से जारी हो गया था। वहीं अब सभी ब्रिजों की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल में फ्लाईओवर और रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी निर्माण कार्यों के डिजाइन, एलाइनमेंट, ऊंचाई, गति सीमा और सुरक्षा मानकों की तकनीकी जांच करेगी।
ये अधिकारी हैं शामिल
लोक निर्माण विभाग द्वारा गठित इस समिति में प्रमुख अभियंता (ब्रिज), मुख्य अभियंता (सेतु परिक्षेत्र), मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के मुख्य अभियंता, रेलवे जोन के मुख्य अभियंता और नगर निगम या अन्य स्थानीय निकायों के संबंधित अधिकारी शामिल हैं।
बुनियादी ढांचे के विकास में गुणवत्ता और सुरक्षा को मिलेगी प्राथमिकता
समिति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में बनने वाले फ्लाईओवर और रेलवे ओवरब्रिज उच्च गुणवत्ता, सुरक्षा और टिकाऊपन के मानकों पर खरे उतरें। आवश्यकता पड़ने पर समिति में अन्य विशेषज्ञों को भी शामिल किया जा सकेगा। इस कदम से प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास में गुणवत्ता और सुरक्षा को प्राथमिकता मिलेगी।
समिति में ये सदस्य
1. प्रमुख अभियंता (B&R), लोक निर्माण विभाग, भोपाल अध्यक्ष
2. मुख्य अभियंता (सेतु परिक्षेत्र), लोक निर्माण विभाग, भोपाल सदस्य
3. मुख्य अभियंता, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम, भोपाल सदस्य
4. मुख्य अभियंता (ब्रिज), संबंधित रेल्वे ज़ोन सदस्य
5. संबंधित अधिकारी, नगर निगम / अन्य स्थानीय निकाय सदस्य
किरकिरी के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने फिर बदला आदेश
लोक निर्माण विभाग ने ब्रिज का डिजाइन रद्द करने का आदेश जारी करने के बाद रद्द कर दिया है। मुख्य अभियंता पीसी वर्मा ने कहा कि यह गलती से जारी किया गया था।
PWD ने निर्माण एजेंसियों को जारी किए निर्देश
लोक निर्माण विभाग ने निर्माण एजेंसियों को निर्देश ब्रिज, आरओबी निर्माण में गाइडलाइंस-समन्वय का ध्यान रखने के निर्देश जारी किए हैं। अब फ्लाईओवर और रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण और अधिक सुरक्षित और मानकों के अनुसार होगा। सभी ROB और फ्लाईओवर प्रोजेक्ट्स में अब IRC और MoRTH के जियोमेट्रिक डिज़ाइन स्टैंडर्ड अनिवार्य होंगे।
शार्प कर्व, ट्रांजिशन लेंथ और सुपर एलिवेशन जैसे तकनीकी बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। निर्माण से पहले और बाद में डिजाइन की जांच के लिए स्थानीय एजेंसियों के साथ समन्वय अनिवार्य होगा। निर्माण की स्वीकृति से पहले ट्रैफिक फ्लो और साइट कंडीशन का पूरा विश्लेषण होगा। सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि बिना समन्वय के स्वीकृति नहीं होगी।
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