मनीष राठौर, राजगढ़। मध्यप्रदेश के हर जिले में सीएम राइज स्कूल (CM Rise School) तो खुलवा दिए, लेकिन दूर के गांव से बच्चों को आने-जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं हो पाई। राजगढ़ जिले (Rajgarh) में शासन ने दो बार टेंडर प्रक्रिया की, लेकिन दर कम होने की वजह से टेंडर रिजेक्ट हो गए। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। बच्चों को स्कूल आने के लिए अन्य वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसमें काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
सीएम राइज स्कूल के विद्यार्थी (Student) अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रैक्टर ट्रॉली (Tractor Trolley) में सफर करते है। कई बच्चे ऐसे है जिनको आवागमन के साधनों की जगह पैदल जाना पड़ता है। ऐसे में कई प्राइवेट बस संचालक (Private Bus Operator) भी बच्चों को बैठकर नहीं ले जाते जिससे बच्चों को स्कूल समय पर पहुचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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सीएम राइस स्कूल खुमानपुरा जीरापुर से 7 किलोमीटर खिलचीपुर रोड पर बच्चे पढ़ने के लिए माचलपुर से लेकर छापीहेड़ा तक आते हैं। हर 15 मिनट में प्राइवेट बस चलती है, लेकिन बस वाले उनको बैठाते नहीं है। वह बच्चे जीरापुर तक पैदल जाने के लिए मजबूर है। कुछ बच्चे वहीं शाम तक इंतजार करते हैं। यह आम किसान के बच्चे हैं ना तो कोई अधिकारी ना कोई जनप्रतिनिधि ध्यान देता है। बच्चों के पालकों ने प्रशासन से मांग की है कि प्राइवेट बस वालों को कहना चाहिए की दूर से आने वाले बच्चों को बस की मदद से घर तक ले जाए। अन्यथा भारतीय किसान यूनियन प्रदर्शन करने के लिए मजबूर रहेगा।
स्कूल के प्राचार्य कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि बच्चों के लिए हमने पुरोहित बस के मालिक को भी बोल रखा है। एक बार प्रोग्राम के दौरान भी हमने मंच पर बोला था। उन्होंने बताया कि कुछ बच्चे अपने स्वयं की गाड़ी से आते है और कुछ बच्चों ने मिलकर गाड़िया भी कर रखी है।
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