रायपुर. पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था इस वक़्त कोमा में है, भारत भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे में अनुसूचित जनजाति मोर्चा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम एक बहुत महत्वपूर्ण पहल करते हुए प्रदेश के नामी व सीनियर सीए से 2 घंटे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की, जिसका कॉर्डिनेशन सीए ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष सीए अमित चिमनानी ने किया. चर्चा के दौरान बेहद सकारात्मक सुझाव सामने आए व सभी ने एक सुर में कहा कि भारत फिर से खड़ा होगा व हमारी अर्थव्यस्वस्था फिर जल्द बेहतर होगी.

चर्चा में कहा गया कि अब समय आ गया है जब हम चीन को सब्सिट्यूट करे. अब विश्व को चीन पर विश्वास नहीं, ऐसे में विदेशी कंपनियों के लिए भारत एक आकर्षक केंद है. परंतु उसके लिए भारत को विदेशी निवेश के लिए आयकर दर कम करनी होगी व कर प्रणाली में एक निश्चितता रखनी होगी.

वोडाफोन के मामले में कर के नियमों को 1962 से बदल दिया गया था, जिससे विदेशी कंपनियों में अच्छा संदेश नहीं गया. साथ ही कहा गया कि अब भारत में बिजनेस फ्रेंडली वातावरण बनाना होगा, जिसमें व्यापारी को मदद करने की भावना हो ना कि उसे परेशान करने की. साथ ही एक सिंगल विंडो बनाकर सारी औपचारिकतायें कुछ दिनों में खत्म कर व्यापार करने की अनुमति मिलनी चाहिए.

चर्चा का विषय रहा कि अब समय आ गया है जब विदेशी पदार्थो का पूर्ण बहिष्कार हो, जल्द ही ऐसा समय आएगा जब विदेशों में भी मेड इन इंडिया प्रोडक्ट इस्तेमाल होंगे. यह भी सुझाव दिया गया कि लॉकडाउन के पीरियड में जब उद्योग बंद है, ऐसे में मिनिमम बिजली का बिल भी नहीं लेना चाहिए, उसे माफ करने से उद्योगों को मदद मिलेगी.

कॉर्पोरेट टैक्स रेट पहले से ही कम किये जा चुके है, परंतु अब समय आ गया है जब नॉन कॉर्पोरेट टैक्स रेट भी कम किये जायें, ताकि नॉन कॉर्पोरेट तरीके से काम करने वाले लोगों को मदद मिले. समय की नजाकत को देखते हुए एक वर्ष तक छापो और सर्वे पर पाबंदी लगाई जाए ताकि व्यापारी केवल व्यापार करने में ध्यान लगाएं. जमीन अधिग्रहण के नियमों को सरल करने की बात की गई, जो भी विदेशी कंपनी यहां आये उसे जमीन ढूढने और लेने में तकलीफ ना हो, इसके लिए सरकार पहले ही एक लैंड बैंक बनाए.

लगभग सभी ने यह मुद्दा उठाया कि किसी भी प्रकार कैश की किल्लत ना होने पाए, इसके लिए सरकार को चाहिए कि जिन क्षेत्रों में रोजगार ज्यादा मिलता हैं, वहां सरकार अपनी स्पेंडिंग बढ़ाये. साथ ही कुछ छूट और देकर जनता के पास पैसा रहने दिया जाए. सभी ने कहा कि अब समय आ गया है जब किसानों की तरह व्यापारियों को भी कुछ महीने का इंटरेस्ट फ्री लोन या एक बैंक लिमिट मिले, जिससे उनका व्यापार फिर खड़ा हो सके व व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा कम ब्याज दर पर फंडिंग की जाए, उससे भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आ जाएगी.

रियल स्टेट सेक्टर को भी मदद की जाने की बात कही गयी, केपिटल गेन की दरों में कमी कर या कैपिटल गेन के पुनः निवेश की समय सीमा व दायरा बढ़ाकर ऐसा किया जा सकता है. किसी भी व्यापार के लिए पॉजिटिव सेंटीमेंट्स जरूरी होते है इसीलिए कोरोना में जिन सेक्टर्स को तबाह किया है, जैसे- टूरिज्म,होटल सेक्टर ,एंटरटेनमेंट व अन्य उनके लिए एक पैकेज की घोषणा करने से उनको एक बेहतर भविष्य की आस जगेगी.

साथ ही कंसम्पशन ज्यादा से ज्यादा हो इस पर जोर देने की बात हुई, ताकि कैश रोटेट होते रहे उत्पादन को प्रोत्साहन मिले. साथ ही लॉकडाउन की जगह अब स्मार्ट लॉक डाउन लगाने की बात की गई ताकि सावधानियों के साथ व्यापार शुरू हो सके. छतीसगढ़ के संदर्भ में विशेष कर यह चर्चा हुई कि सरकार को अब लंबित राशियां तुरंत भुगतान करनी चाहिए ताकि लोगों को विपदा काल मे मदद मिले साथ ही आधारभूत सरंचना मजबूत करने की बात की गई ताकि यह प्रदेश निवेश के लिए लोगो को आकर्षित करे. अब अगर विदेशी कंपनिया यहां निवेश करेंगी तो बड़ी संख्या में उन्हें स्किल्ड लेबर की आवश्यकता भी होगी, जिसके लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम जल्द से जल्द शुरू करने चाहिये. साथ ही भारतीय मूल के लोगो के जो पैसे विदेशों में है वो किसी त्तरीक़े से भारत लाये जाए उससे बहुत मदद मिलेगी.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रायपुर से सीए जीएस अग्रवाल,किशोर बरड़िया,आरबी दोषी,बंकिम शुक्ला,ओपी सिंघानिया बी सुब्रमण्यम,सीए अमित चिमनानी ,शशिकांत चंद्राकर, मदन उपाधयाय सुनील अग्रवाल ,रवि ग्वालानी भिलाई से अध्यक्ष अमित राय संजीव अग्रवाल,राकेश ढोढ़ी,श्रीचन्द लेखवानी,सुरेश कोठारी,महावीर जैन बिलासपुर से अध्यक्ष विवेक अग्रवाल ,आंनद अग्रवाल, सुरेश ,विनोद खत्री रायगढ़ से अरुण अग्रवाल, कोरबा से आशीष खेतान, अमित बोजसिया,अम्बिकापुर से विजय जैसवाल व सीनियर एडवोकेट नरेश गुप्ता सहित प्रदेश के 55 वरिष्ठ सीए माजूद रहे.

राम विचार नेताम की इस पहल का सभी सीए ने स्वागत किया व आगे भी हमेशा सहयोग करने की बात कही. जल्द ही यह सब सुझाव वित्त मंत्रालय व प्रधानमंत्री कार्यालय भेजे जाएंगे.