अमृतांशी जोशी, भोपाल। दिहाड़ी मजदूरों के सुसाइड मामले में मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) देश में तीसरे नंबर पर है। मध्यप्रदेश में पिछले एक साल में 4567 दिहाड़ी मजदूर (Labour) ने खुद की जान ली है। पहले नंबर पर तमिलनाडू, दूसरे पर महाराष्ट्र और तीसरे पर मध्यप्रदेश है। यह खुलासा एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) की रिपोर्ट में हुआ है। (NCRB report) रिपोर्ट के मुताबिक करीब 4248 पुरुषों ने ली खुद की जान है। वहीं 409 महिलाओं ने सुसाइड (Suicide) किया है। देश में कुल 37,448 मजदूरों ने अलग अलग परिस्थिति में जान दी है।

प्रदेश के मजदूरों का कहना है कि काम नहीं मिल रहा काम इसिलए मजदूर परेशान है।मजदूरों ने अपनी परेशानी बताई है। कहा कि जब घर और जेब में पैसा नहीं होता तो आत्महत्या की स्थिति बन ही जाती है। दिन का 400 रुपये मिलता है, और एक हफ़्ते में एक बार ही काम मिलता है। जैसे तैसे घर का काम चलता है। पैसा नहीं मिलता तो घर पर लड़ाइयां होती है। आत्महत्या करने की इच्छा होती है।बस परिवार का सोच कर रुक जाते है।

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