आशुतोष तिवारी, रीवा। मध्यप्रदेश में अब विंध्य क्षेत्र को अलग राज्य बनाने की मांग फिर उठने लगी है. भाजपा के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी (BJP MLA Narayan Tripathi) ने बगावती तेवर दिखाते हुए विंध्य प्रदेश बनाने के लिए नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की बात कही है. नारायण त्रिपाठी का कहना है कि विंध्य प्रदेश का मध्यप्रदेश में विलय हुआ था, लेकिन विंध्य क्षेत्र में विकास नहीं हो रहा है. इसलिए सरकार विंध्य क्षेत्र को अलग राज्य बनाए.

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MLA नारायण त्रिपाठी ने रीवा और शहडोल संभाग के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन कर विंध्य प्रदेश के लिए नई पार्टी बनाने का बिगुल फूंक दिया है. नारायण त्रिपाठी ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि अगर सरकार विंध्य प्रदेश नहीं बनाती तो वह नई पार्टी का गठन कर अपने प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे और चुनाव जीत कर विन्ध्य प्रदेश का निर्माण करेंगे.

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बता दें कि विधायक त्रिपाठी लगातार शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं, इससे पहले कोविड के दौरान उन्होंने बगावती तेवर दिखाया था और अब नए विन्ध्य प्रदेश की मांग को लेकर फिर से विधायक नारायण त्रिपाठी पार्टी के खिलाफ आ गए हैं.

विन्ध्य प्रदेश का हुआ था विलय

दरअसल, मध्य प्रदेश के गठन से पहले विंध्य अलग प्रदेश था. जिसकी राजधानी रीवा थी. आजादी के बाद 1956 में विन्ध्य प्रदेश का विलय कर मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया था. अब दोबारा विंध्यप्रदेश का दर्जा देने की मांग उठ रही है. नारायण त्रिपाठी ने लगातार विंध्यप्रदेश बनाने की मांग कर रहे हैं. विंध्य क्षेत्र पारंपरिक रूप से विंध्याचल पर्वत के आसपास का पठारी भाग माना जाता है. प्रदेश के रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिले विंध्य क्षेत्र में ही आते हैं.

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