राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. ओबीसी आरक्षण और पंचायत चुनाव रद्द करने पर जारी सियासत के बीच सपाक्स पार्टी ने एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधा है. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष और रिटायर्ड IAS वीना घाणेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के बजाए बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही अनावश्यक रूप से राज्य निर्वाचन आयोग के पाले में गेंद फेंक रहे हैं.

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वीना घाणेकर ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा किसुप्रीम कोर्ट के द्वारा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्य के खिलाफ जो निर्णय लिया है और ओबीसी की सीटों को सामान्य सीटों में परिवर्तित करने के निर्देश दिए गए हैं, उसके पालन करने से कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी बच रही हैं और अनावश्यक रूप से राज्य निर्वाचन आयोग के पाले में गेंद फेंक रहे हैं’.

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उन्होंने आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब यह स्पष्ट रूप से कह दिया गया कि पंचायती राज में ओबीसी का आरक्षण संविधान में नहीं है. यह संविधान के बाहर जाकर निर्णय लिया गया है, तो फिर आग से न खेला जाए और भारतीय समाज को और अधिक ना तोड़ा जाए, लेकिन सरकार है कि मानती नहीं. अब भगवान ही मालिक है पंचायती राज का और उसके भविष्य का !. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष वीना घाणेकर ने पूछा है कि क्या यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्पष्ट रूप से अवमानना नहीं है?.

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बता दें कि मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव रद्द करने को लेकर आज राज्य निर्वाचन आयोग फैसला ले सकता है. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब एक बार फिर राज्य निर्वाचन आयोग के पाले मामला पहुंच गया है. मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश वापस लेने का गजट नोटिफिकेशन कल देर रात जारी हुआ था. राज्य निर्वाचन आयोग विधि विशेषज्ञों से चर्चा कर बड़ा फैसला ले सकता है.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही विधानसभा में प्रस्ताव पारित करा चुके हैं. इसके तहत बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएंगे. हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिस पर जनवरी 2022 में सुनवाई होनी है. वहीं मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 17 दिसंबर के आदेश को वापस लेने की मांग है. केंद्र ने याचिका में कहा है कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराना जनादेश के खिलाफ है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट से 4 महीने के लिए चुनाव टालने की मांग की है.

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