वेंकटेश द्विवेदी,सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले के रहने वाले वीर शहीद जवान एएसआई शंकर पटेल का पार्थिव शरीर जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से गृह ग्राम नौगवां पहुंच गया है. इस दौरान जगह-जगह पर पुष्प की वर्षा की गई. कलेक्टर और एसपी शहीद के गांव पहुंचे हुए हैं. जवान का पूरे राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ रविवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा. जम्मू कश्मीर में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकी हमले में सीआईएसएफ के जवान शंकर पटेल शहीद हो गए थे.
दरअसल सतना जिले के मैहर तहसील के नौगवां निवासी अमर शहीद शंकर प्रसाद पटेल का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ रविवार की सुबह 9 बजे उनके गृहग्राम नौगवां में किया जाएगा. कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि शहीद की पार्थिव देह पूरे सैनिक सम्मान के साथ दिल्ली एयरपोर्ट से दोपहर डेढ़ बजे विशेष विमान से जबलपुर पहुंची. जबलपुर से फूल माला से सुसज्जित वाहन में पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से ग्रह नौगवां लाया गया.
इस दौरान सड़क मार्ग पर जगह जगह अमर शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प वर्षा और पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी. अमर शहीद की पार्थिव देह उनके गृह ग्राम देर शाम पहुंचने की संभावना के चलते अंतिम संस्कार रविवार की सुबह किया जाएगा. अमर शहीद शंकर प्रसाद पटेल के पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा और श्रृद्धा सुमन अर्पित करने सतना जिले की सीमा में चार स्थानों पर व्यवस्था की गई है. इनमें झुकेही बाईपास, सभागंज बाईपास, पाला बाईपास, अमदरा बस्ती अंदर से प्रवेश मार्ग पर पुष्प वर्षा की जाएगी.
शहीद शंकर प्रसाद अपने 5 भाइयों में दूसरे नंबर के थे. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे है. बड़ा बेटा संजय कुमार खेरवासानी टोला में एंबुलेंस चालक है. छोटा बेटा सुरेंद्र कुमार नागपुर में साफ्ट वेयर इंजीनियर है. परिजनों ने बताया कि मध्यम वर्गीय किसान परिवार में पले बढ़े शंकर प्रसाद पटेल की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गाँव में ही हुई. बचपन से ही उनके अंदर देश सेवा का जज्बा था. जिसके चलते स्कूली शिक्षा के बाद सीआईएसएफ में भर्ती हो गए. शंकर प्रसाद को बागवानी और साफ सफाई का बड़ा शौक था. इसलिए जब भी छुट्टी पर गाँव आते तो घर और बगीचे की साफ सफाई में लग जाते थे.
शहीद शंकर प्रसाद 2024 में रिटायर होने वाले थे. शंकर प्रसाद के साथ प्रमोशन के दिन एक ऐसा इतेफाक हुआ कि खुशी का ठिकाना नहीं रहा. शंकर प्रसाद का प्रमोशन जन्मदिन की तारीख़ और उनके बेटे का जन्म दिन 19 दिसंबर था. शहीद शंकर प्रसाद का 4 महीने पहले प्रमोशन हुआ था. वो प्रधान आरक्षक से सहायक उपनिरीक्षक बनाये गये थे. शहीद शंकर प्रसाद की शहादत से उनके परिजनों और क्षेत्र के लोगों की आंखे भले ही नम हो, लेकिन सीना भी फक्र से ऊंचा है. गाँव के लाल ने अपनी माटी का कर्ज अदा कर दिया. शहीद की शहादत को सलामी और फूल मालाओं से श्रद्धांजलि देने वालों का गांव में तांता लगा हुआ है.
बता दें कि शहीद शंकर प्रसाद पटेल CISF में एएसआई के पद पर पदस्थ थे. जम्मू में प्रधानमंत्री के दौरे के 2 दिन पूर्व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुबह 4 बजे शिफ्ट बदली जा रही थी, उस वक्त CISF के वाहन में 15 जवानों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा रहा था. तभी आतंकवादियों ने हमला कर दिया. जिसमें 6 सेना के जवान घायल हो गए. वही सतना के मैहर निवासी वीर सपूत शंकर प्रसाद पटेल आतंकवादी हमले में शहीद हो गए.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें