अनिल मालवीय, इछावर। हर गरीब का अपना पक्का मकान हो इस मंशा को लेकर सरकार (Government) द्वारा पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) चला रही है, लेकिन इस योजना का लाभ उन्हीं को मिल रहा है जो हितग्राही राजनीति और प्रशासनिक पहुंच रखते हैं। पात्र हितग्राही अभी अपना पक्का आवास बनने की राह देख रहे हैं। जिले सीहोर (Sehore) के तहत आने वाली इछावर नगर परिषद (Ichhawar) में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है।
दरअसल, नगर पंचायत के जेन मोहल्ले में रहने वाले अबरार खान जो कि लकवा ग्रस्त (Paralyzed) हैं। इसके अलावा इस पर दो मासूम बेटियों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी है। बीमारी (Disease) से पीड़ित होने के बावजूद जैसे तैसे मेहनत मजदूरी (Wages) कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा है। लेकिन वर्षों पुराने कच्चे मकान (House) जो कि इस समय जर्जर हो चुका है, उसकी मरम्मत करने में वह बेबस और लाचार बना हुआ है।
पीड़ित का नाम पीएम आवास सूची में शामिल है, वह योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही कई बार दस्तावेज भी जमा करवा चुका है। लेकिन कर्मचारी-अधिकारी उसे पिछले 2 साल से लगातार गुमराह कर रहे हैं। पीड़ित का कच्चे और जर्जर मकान में रहना दूभर हो रहा है। इसी प्रकार नगर सहित ग्रामीण अंचल में ऐसे कई लोग है, जो लंबे समय से अपना पक्का आवास बनने की राह देख रहे हैं।
एक तरफ अधिकारी अमीरों और साहूकारों को पीएम आवास दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर गरीब परिवार अपने पक्के मकान बनने का सपना देख रहा है। लेकिन योजना से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं का जमकर पलीता लगा रहे हैं।
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