अनिल मालवीय, इछावर (सीहोर)। वन क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के बोरदी में अमृत सरोवर उप योजना के तहत तालाबों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इस निर्माण में पंचायत द्वारा जमकर लापरवाही बरती जा रही है।
दरअसल, जलाशय निर्माण में इसके केचमेंट एरिया में आने वाले दर्जनों हरे-भरे पेड़-पौधों को मशीनों से जमीदोंज कर दिया गया है। वहीं तालाब की खुदाई, पाल का निर्माण आदि कार्य ट्रेक्टर, जेसीबी मशीन से किया जा रहा है, जबकि नियम के अनुसार जलाशय निर्माण के लिए ऐसे स्थान का चयन किया जाना प्रस्तावित है. जहां पेड़-पौधों की संख्या कम हो। साथ ही निर्माण से वन भूमि की अधोसंरचना प्रभावित न हो सके। इसके अलावा निर्माण कार्य सिर्फ मजदूरों से कराया जाए। जिससे ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मिल सकें। लेकिन निर्माण एजेंसी ने अपनी कारगुजारी के चलते तमाम नियमों और मापदंडों को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी के अनुसार जलाशयों का निर्माण करा रहा है।
हैरानी की बात यह है कि प्रशासन के जिन नुमाइंदों पर इसकी मनीटरिंग करने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने भी इस ओर मुडकर नहीं देखा। यही कारण है कि शासन की कोई भी जनकल्याणकारी योजना हो या निर्माण कार्य प्रशासन की उदासीनता और निष्क्रियता के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं।
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