अजयारविंद नामदेव, शहडोल। अफसरों में मनमानी का खुमार ऐसा चढ़ा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश को भी दरकिनार कर दिया। एक दशक पहले सीएम शिवराज ने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और लोगों की समस्या को देखते हुए शहडोल जिले के अंतिम छोर स्थित पपौंध को ब्यौहारी का उप तहसील बना दिया था। घोषणा के अनुरूप कुछ सालों तक तहसील का संचालन भी हुआ फिर एकाएक उसे बंद कर दिया गया।
पिछले कई सालों से ग्रामीण और स्थानीय नेता अफसरों और नेताओं के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें उनकी उप तहसील नहीं मिल पा रही है। अफसरों की लापरवाही के कारण पपौंध में उप तहसील का संचालन बंद हो गया। अफसरों ने जनता की समस्या को दरकिनार करते हुए अपनी सुविधा देखी। संसाधनों का अभाव बताते हुए अफसर पपौंध आना नहीं चाहते जिस कारण उप तहसील का भवन खंडहर हो गया है।
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संभागीय मुखायल शहडोल से 125 दूर स्थित पपौंध, शहडोल से उमरिया और कटनी जिले की सीमा में बसे लगभग 40 गांवों का आर्थिक और व्यवसायिक मुख्यालय भी है। एक दशक पहले मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और लोगों की समस्या को देखते हुए पपौंध को ब्यौहारी का उप तहसील बनाया था। कुछ सालों तक तहसील का संचालन भी हुआ फिर उसे बंदकर दिया गया। अब पूरे मोहल्ले का कचरा भवन के सामने एकत्रित होता है। असामाजिक तत्व वहां बैठकर अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
मुख्यमंत्री से निर्देश मिलने के बाद 10 अप्रैल 2023 को ब्यौहारी SDM ने भी नायब तहसीलदार वृत्त पपौंध के नाम एक पत्र जारी किया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा कि सीएम के दौरे के समय यह बात सामने आई थी कि पपौंध उप तहसील को एक समय के बाद बंद कर दिया गया है। इस संबंध में कलेक्टर का अभी आदेश प्राप्त हुआ है। इस कारण प्रत्येक बुधवार को पपौंध जाकर उप तहसील का संचालन करना सुनिश्चित करें।
इसके बावजूद आज तक उप तहसील का संचालन शुरू नहीं हो सका। आलम ये है कि उप तहसील कार्यलय के सामने लोग अपने घरों का कचरा फेंक रहे है। CM का निर्देश, DM का आदेश और SDM का पत्र भी पपौंध में उप तहसील कार्यालय शुरू नहीं करा पाया है। एक दशक पहले सीएम शिवराज ने जब पपौंध में उप तहसील की घोषणा की तो लगभग 3 साल यह यहां सप्ताह में 2 दिन संचालित होती थी। एक नायब तहसीलदार पूरे स्टाफ के साथ आते और ग्रामीणों की समस्या सुनते। धीरे से यह सप्ताह में 1 दिन खुलने लगी। इसके बाद यह भी बंद हो गया। तमाम पत्राचार के बाद अब भी पपौंध की उप तहसील ब्यौहारी में लगती है।
भाजपा को उठाना पड़ सकता है खामियाजा
बता दें कि ब्यौहारी विधानसभा में जीत हार के समीकरण की इबारत भी इसी क्षेत्र से लिखी जाती है। इसके बाद भी यह क्षेत्र खुद को ठगा महसूस कर रहा है। जिसका सीधा असर अब सत्ता पक्ष से भाजपा विधायक शरद जुगलाल कोल की छवि पर पड़ता दिखाई दे रहा है। अफसरों की इस भर्रेशाही का खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को उठाना पड़ेगा!
लगभग 50 किलोमीटर का सफर तय करके ग्रामीण ब्यौहारी पहुंचते हैं, जबकि पपौंध में उप तहसील का संचालन है। भाजपा विधायक शरद जुगलाल कोल का प्रयास भी जनता को राहत नहीं दिला सका। बीजेपी विधायक के प्रयास पर अफसरों की लापरवाही हावी रही।
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