अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एक ओर जहां प्रदेश के मुखिया लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने का हर संभव प्रयास कर रहे है, मेडिकल कॉलेज की सौगात दे रहे है, तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी उनके सपनों को साकार होने में बाधक बन रहे है। जिसकी एक बानगी शहडोल जिले के जयसिंह नगर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनसुकली में देखने को मिली।

बनसुकली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो डॉक्टर और न ही स्टाफ है। आलम ये है कि अस्पताल में कुत्तों का डेरा है। स्ट्रेचर पर कुत्ते आराम फरमा रहे है। डॉक्टर व स्टाफ नहीं होने से उपचार कराने आए मरीजों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है।

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जयसिंह नगर ब्लॉक में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनसुकली में अस्पताल के हालात बद से बदत्तर है। अस्पताल की दुर्दशा का अंदाजा इस बात से लागाया जा सकता है कि यहां डॉक्टर व स्टाफ के नदारद रहने से कुत्तों ने डेरा जमा लिया है। स्ट्रेचर पर कुत्ते आराम फरमा रहे है, मरीजों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है।

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आपको बता दें कि शहडोल जिले का यह कोई एकलौता अस्पताल नही है, जहां डॉक्टर व स्टाफ नदारद रहते है। ऐसे कई अस्पतालों का यही हाल है। जिसके चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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